बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में हुई अवैध नियुक्तियों को लेकर मामला पेचीदा हो गया है। यूनिवर्सिटी हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रही है। इस बारे में महाधिवक्ता से राय ली जा रही है।
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि विश्वविद्यालय में कई अवैध नियुक्तियां हुई हैं, कुलगुरु इन्हीं को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। चूंकि यूनिवर्सिटी संवैधानिक संस्था है, इसलिए कुलगुरु स्वयं निर्णय ले सकते हैं। यूनिवर्सिटी स्वायत्तशासी संस्था है। इसलिए इसमें सरकार का कोई दखल नहीं है।
यूनिवर्सिटी में कोई व्यवस्था बिगाड़ रहा है तो कुलगुरु कानूनन सख्त कदम उठा सकते हैं। दरअसल, पांच महीने पहले यूनिवर्सिटी में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर नरेंद्र त्रिपाठी की नियुक्ति को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने रद्द कर दिया था उनकी बर्खास्तगी के आदेश दिए थे।
इस आदेश को त्रिपाठी ने कोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी, जिसमें फैसला त्रिपाठी के पक्ष में आया। इसी आदेश के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन और एनएसयूआई के बीच तनातनी का माहौल है और त्रिपाठी को नियुक्ति देने का दबाव बनाया जा रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन वैधानिक राय लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकता है।
एनएसयूआई ने लगाए पोस्टर: इस बीच बीयू में कुलगुरु की अनुपस्थिति को लेकर एनएसयूआई ने पोस्टर चिपकाकर अनोखा प्रदर्शन किया गया। जिलाध्यक्ष अक्षय तोमर ने बताया, कुलगुरु 7 मई से लापता हैं, जिससे परीक्षाओं, मूल्यांकन और प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। कुलगुरु का पता बताने पर 1100 रुपए का इनाम रखा है।