अब चीन की यात्रा पर जा रहे नेपाली पीएम प्रचंड, भारत से दोस्ती पर पार्टी नेताओं ने क्यों दे दी चेतावनी
Updated on
11-09-2023 01:40 PM
काठमांडू: भारत के बाद अब नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड इस महीने चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं। चीन यात्रा से ठीक पहले प्रचंड की पार्टी ने उन्हें भारत और चीन के बीच संतुलित रिश्ते बनाने को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। प्रचंड पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेंगे और वहां से फिर वह 22 सितंबर को चीन की यात्रा पर रवाना हो जाएंगे। इस बीच नेपाली पीएम के कार्यालय में हुई बैठक में पार्टी के नेताओं ने चीन के साथ रिश्तों को लेकर चेतावनी दी गई। उन्होंने कहा कि प्रचंड को भारत और चीन दोनों के साथ रिश्तों में संतुलन बनाना चाहिए। उनका इशारा चीन के राजदूत के हालिया धमकाने वाले बयान को लेकर था।
प्रचंड की पार्टी के नेताओं ने कहा कि नेपाल सरकार को चीन की सुरक्षा चिंताओं और द्विपक्षीय हितों पर ध्यान देना चाहिए। नेपाल के एक पूर्व विदेश मंत्री प्रकाश चंद्र लोहानी ने कहा कि उन्होंने पीएम प्रचंड को चेतावनी दी कि अगर नेपाल अपने दो पड़ोसी देशों चीन और भारत के बीच संतुलन बनाने में असफल रहता है तो इसके परिणाम बहुत बुरे होंगे। उन्होंने कहा, 'इस बात की चिंता बढ़ती जा रही है कि नेपाल की विदेश नीति में संतुलन कम हो गया है। यह हाल ही में नेपाल में चीनी राजदूत के बयान में भी साफ नजर आया है।'
नेपाल और चीन के बीच नए नक्शे को लेकर विवाद
लोहानी ने काठमांडू पोस्ट अखबार से कहा, 'नेपाल जैसा दो शक्तिशाली देशों के बीच बसा देश गंभीर संकट में घिर सकता है, अगर वह शक्तिशाली देशों के बीच ठीक से संतुलन बनाने में असफल रहता है। ' वहीं संसद में चौथी सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने तो सात सूत्री सुझाव प्रचंड को दिया है।' इसमें नेपाल के नए नक्शे के बारे में लोगों की राय से चीनी नेतृत्व को अवगत कराना शामिल है। साथ ही नेपाली लोगों के लिए सीमा पर आसानी से कार्रवाई की सुविधा देने की बात शामिल है। इस बैठक में केपी ओली, शेर बहादुर देउबा समेत कई पूर्व पीएम मौजूद थे।
इस बैठक के दौरान पीएम प्रचंड ने कहा कि नेपाल गुट निरपेक्ष नीति को बरकरार रखेगा। उन्होंने कहा कि नेपाल सरकार पड़ोसी देशों और वैश्विक समुदाय के साथ संतुलन बनाए रखने के लिए काम कर रही है। नेपाली नेताओं ने कहा कि प्रचंड चीन से नेपाली सामानों को आयात करने के लिए कहें। साथ ही नेपाल के अंदर विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने पर काम करें। प्रचंड का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब चीन के नए नक्शे को लेकर नेपाल में बवाल मचा हुआ है। चीन ने अपने नक्शे में कालापानी के इलाके को भारत का माना है लेकिन नेपाल इस पर अपना दावा करता है।
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