J-10 फाइटर जेट की क्षमता कितनी है?
चीनी कंपनी चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ने J-10 फाइटर जेट को बनाया है। इसे पश्चिमी देशों की मीडिया अकसर 'Vigorous Dragon' कहकर संबोधित करता है। ये एक मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसने 1998 में पहली बार उड़ान भरी थी। इसके बाद 2005 में इसे चीन की वायुसेना में शामिल किया गया था। इसका डिजाइन काफी हद तक अमेरिकी एफ-16 और इजरायली Lavi से प्रेरित है। माना जाता है कि इजरायली Lavi के डिजाइन और टेक्नोलॉजी की चोरी कर इसे बनाया गया है, क्योंकि एक वक्त Lavi प्रोजेक्ट के लिए चीन और इजरायल ने कुछ महीनों तक साथ काम किया था। जे-10 फाइटर जेट के कई वैरिएंट हैं, एक बेसिक वर्जन, जिसमें सिर्फ हवा से हवा में मार करने की क्षमता है। J-10B, जिसमें AESA रडार, इंफ्रारेड सर्च और ट्रैक (IRST), RAM कोटिंग है और तीसरा J-10C – सबसे एडवांस वर्जन है, जिसमें AESA रडार, हाइपरसोनिक एयर-टू-एयर मिसाइल PL-15, Precision-guided munition (PGM) क्षमता और इंडीजेनस WS-10 इंजन है। पाकिस्तान जे-10सी ही इस्तेमाल करता है।
पाकिस्तान जिस जे-10सी का इस्तेमाल करता है, उसमें एयर-टू-एयर लड़ाई के लिए PL-10 (WVR), PL-12, PL-15 (BVR) मिसाइले हैं, आकाश से जमीनी ठिकानों पर हमला करने के लिए लेजर गाइडेड बॉम्ब, जीपीएस बॉम्ब्स हैं। इसकी स्पीड 2.2 मैक यानि करीब 2700 किलोमीटर प्रति घंटे का होने का दावा किया जाता है, जो मैक्सिमम स्पीड है। इसका रेंज करीब 1850 किलोमीटर और लड़ाई करने का रेडियस करीब 500 से 600 किलोमीटर है। चीन ने पाकिस्तान को पिछले दिनों PL-15 BVR मिसाइल सौंप दिए हैं, जिससे इसकी क्षमता थोड़ी और बढ़ गई है। हालांकि जे-10सी कोई स्टील्थ फाइटर जेट नहीं है और इसका डिजाइन काफी पुराना है। भारतीय राफेल के मुकाबले ये काफी पुराना प्लेटफॉर्म है और इसके WS-10 इंजन की विश्वसनीयता पर भी कई सवाल उठ चुके हैं। इसकी एक यूनिट की कीमत सिर्फ 35 से 45 मिलियन डॉलर के करीब है, इसीलिए पाकिस्तान जैसे गरीब देश इसे खरीद पाते हैं। पाकिस्तान ने चीन से 25 जे-10सी खरीदने के लिए करीब 1.5 अरब डॉलर में डील की थी।
चीनी कंपनी चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ने J-10 फाइटर जेट को बनाया है। इसे पश्चिमी देशों की मीडिया अकसर 'Vigorous Dragon' कहकर संबोधित करता है। ये एक मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसने 1998 में पहली बार उड़ान भरी थी। इसके बाद 2005 में इसे चीन की वायुसेना में शामिल किया गया था। इसका डिजाइन काफी हद तक अमेरिकी एफ-16 और इजरायली Lavi से प्रेरित है। माना जाता है कि इजरायली Lavi के डिजाइन और टेक्नोलॉजी की चोरी कर इसे बनाया गया है, क्योंकि एक वक्त Lavi प्रोजेक्ट के लिए चीन और इजरायल ने कुछ महीनों तक साथ काम किया था। जे-10 फाइटर जेट के कई वैरिएंट हैं, एक बेसिक वर्जन, जिसमें सिर्फ हवा से हवा में मार करने की क्षमता है। J-10B, जिसमें AESA रडार, इंफ्रारेड सर्च और ट्रैक (IRST), RAM कोटिंग है और तीसरा J-10C – सबसे एडवांस वर्जन है, जिसमें AESA रडार, हाइपरसोनिक एयर-टू-एयर मिसाइल PL-15, Precision-guided munition (PGM) क्षमता और इंडीजेनस WS-10 इंजन है। पाकिस्तान जे-10सी ही इस्तेमाल करता है।
पाकिस्तान जिस जे-10सी का इस्तेमाल करता है, उसमें एयर-टू-एयर लड़ाई के लिए PL-10 (WVR), PL-12, PL-15 (BVR) मिसाइले हैं, आकाश से जमीनी ठिकानों पर हमला करने के लिए लेजर गाइडेड बॉम्ब, जीपीएस बॉम्ब्स हैं। इसकी स्पीड 2.2 मैक यानि करीब 2700 किलोमीटर प्रति घंटे का होने का दावा किया जाता है, जो मैक्सिमम स्पीड है। इसका रेंज करीब 1850 किलोमीटर और लड़ाई करने का रेडियस करीब 500 से 600 किलोमीटर है। चीन ने पाकिस्तान को पिछले दिनों PL-15 BVR मिसाइल सौंप दिए हैं, जिससे इसकी क्षमता थोड़ी और बढ़ गई है। हालांकि जे-10सी कोई स्टील्थ फाइटर जेट नहीं है और इसका डिजाइन काफी पुराना है। भारतीय राफेल के मुकाबले ये काफी पुराना प्लेटफॉर्म है और इसके WS-10 इंजन की विश्वसनीयता पर भी कई सवाल उठ चुके हैं। इसकी एक यूनिट की कीमत सिर्फ 35 से 45 मिलियन डॉलर के करीब है, इसीलिए पाकिस्तान जैसे गरीब देश इसे खरीद पाते हैं। पाकिस्तान ने चीन से 25 जे-10सी खरीदने के लिए करीब 1.5 अरब डॉलर में डील की थी।