भोपाल से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित बिसनखेड़ी गांव में जल संकट गहराने लगा है। ग्रामीणों को पानी के लिए दो किलोमीटर दूर एक गड्ढा खोदना पड़ा है। वे उस गड्ढे के मटमैले पानी को कपड़े से छानकर प्लास्टिक के ड्रमों में भरते हैं और बैलगाड़ी के जरिए घरों तक ले जाते हैं।
यह गांव मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के इछावर विधानसभा क्षेत्र में आता है। सीहोर जिले के शिवराज सिंह चौहान करीब 18 साल तक मुख्यमंत्री रहे, इसके बावजूद यह गांव जल संकट से जूझ रहा है।
हर विधानसभा सत्र में बिसनखेड़ी जैसे सैकड़ों गांवों के जल संकट की चर्चा होती है। विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में जल संकट और जल जीवन मिशन के तहत बिछाई गई पाइपलाइनों में हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हैं। इस बार भी विपक्ष ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। हालांकि, कुछ हद तक जल आपूर्ति योजनाओं से समस्या का समाधान हुआ है, लेकिन कई जगहों पर जमीनी हकीकत सरकारी दावों से अलग है।
मंत्री ने दिया था आश्वासन, जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में होगी समीक्षा बैठक
पिछले साल 5 जुलाई 2024 को विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि कलेक्टर अब जल जीवन मिशन की बैठकों में सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाएंगे और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा करेंगे। यह बैठक हर महीने होगी। यदि इसके बाद भी कोई शिकायत रहती है, तो अधिकारी को भेजकर समस्या का समाधान करवाने का प्रयास किया जाएगा।
विजयवर्गीय की विधानसभा में की गई इस घोषणा के बावजूद अधिकारियों ने सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को बुलाए बिना ही जल जीवन मिशन की बैठकें कर लीं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई है।