मुस्लिम युवाओं का ऐसा आपराधिक संगठित गिरोह 'लव आतंकवाद' के रूप में मध्य प्रदेश में तेजी से जड़ें गहरी कर रहा है, जबकि पुलिसिया तंत्र के पास निपटने की तैयारी नहीं है। हिंदू लड़कियों की सुरक्षा के लिए लव आतंकवाद चुनौती बन रहा है। पहलगाम में आतंकवादियों ने धर्म पूछकर गोली मारी थी, यहां लव आतंकवाद है।
पहला मामला भोपाल में सामने आया, जिसमें छह लड़कियों ने एफआइआर दर्ज करवाई है। 15 दिनों के भीतर लव आतंकवाद की यह आग प्रदेश के कई शहरों तक सुलगती मिली। देवास के बाद उज्जैन में पुलिस ने छह मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से कई हिंदू लड़कियों के अश्लील वीडियो बरामद हुए हैं। एक मामला मुरैना में भी सामने आया, जहां मुस्लिम युवक असलम ने हिंदू बनकर इंसानियत कंप्यूटर सेंटर की आड़ में हिंदू लड़कियों की अश्लील वीडियो बनाया।
सभी मामलों में नजर डालें तो आरोपित संगठित गिरोह की तरह प्रदेश के कई शहरों में हिंदू लड़कियों को शिकार बनाते पाए गए, लेकिन पुलिस की भूमिका और कार्रवाई बेहद निराशाजनक है। भोपाल पुलिस ने पहले इसे दबाने का प्रयास किया, लेकिन मीडिया में पुरजोर तरीके से आने के बाद पुलिस हरकत में आई।
एफआइआर दर्ज होने पर कुछ आरोपित पकड़े गए, लेकिन उन्हें बचाने के प्रयास भी हुए। इस मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने झारखंड की सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर की अध्यक्षता में जांच दल बनाया है। कौर ने भोपाल आकर इसकी गहन छानबीन की तो पता चला कि भोपाल पुलिस ने संगठित अपराध की धारा ही आरोपितों पर नहीं लगाई।
दूसरी गलतियां भी पुलिस ने की। जो क्लब 90 में इन आरोपियों ने लड़कियों को फंसाने का माध्यम बना रखा था, उसे सील ही नहीं किया था। यही स्थिति उज्जैन और मुरैना की है, जहां शिकार हुईं लड़कियां सामने नहीं आना चाहतीं। शायद उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है।
बेहद गंभीर मसले पर मध्य प्रदेश पुलिस की लचर कार्रवाई से जनता नाराज है। पिछली सरकार ने बहुत उम्मीद के साथ भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की थी, यह पूरी तरह असफल है। अपराधों का आकलन कर लें तो पता चलता है कि तुलनात्मक रूप से अपराध बढ़ा ही है।
दूसरी असफलता अराजकता को लेकर है। पुलिस कमिश्नर ने भ्रष्टाचार को रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। थानों के अंदर वसूली के बंटवारे को लेकर झगड़े हो रहे हैं। जमीन के मामलों में पुलिस की दिलचस्पी बढ़ी है। यही लापरवाही लव आतंकवाद के मामले में हो रही है।
हिंदू लड़कियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में जारी लव आतंकवाद से बेखबर पुलिस तंत्र उन वीडियो के आदान-प्रदान को क्रेक करने या सूचनाएं जुटाने का तरीका नहीं ढूंढ़ सकी। पुलिस का खुफिया तंत्र भी बेखबर रहा कि मुस्लिम अपराधी हिंदू युवतियों को शिकार बना रहे। लव आतंकवाद के मामले अन्य राज्यों में जल्द ही सामने आएंगे।
भोपाल के मुख्य आरोपित फरहान की बात से हिंदू परिवारों को चिंतित होना चाहिए। उसने कहा कि वह तो सवाब का काम कर रहा था, यानी वह हिंदू लड़कियों के साथ जो घृणित अपराध कर रहा था, उसे वह अपने धर्म के हिसाब से सवाब यानी पुण्य बता रहा है।
बेहद दूषित मानसिकता वाले लव जिहाद के इन आतंकियों से निपटना भी हिंदू परिवारों के लिए चुनौतीपूर्ण है। अब समय आ गया कि इस लव आतंकवाद से बचाने के लिए हिंदू लड़कियां सचेत रहें, किससे दोस्ती करना है, उसके बारे में पड़ताल कर लें। शक हो तो मदद मांगने में हिचके नहीं।
मध्य प्रदेश में लव आतंकवाद चिंतनीय इसलिए भी है कि माना जाता है कि यहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सनातनी सरकार है, पर सरकार ने इस गंभीर मसले पर अब तक ठोस पहल नहीं की है। दरअसल, मोहन सरकार के कई मंत्रियों का भी मुस्लिम गिरोह के सरगनाओं से नजदीकी संबंध हैं।
कांग्रेस ने तो कुछ मंत्रियों के साथ गिरोह के सरगना का फोटो भी इंटरनेट मीडिया पर शेयर किया है। भाजपा के लिए भी यह विषय चिंता का होना चाहिए। एक विचारधारा को लेकर चलने वाली भाजपा हमेशा चरित्रवान नेता तैयार करना अपना लक्ष्य मानती थी, लेकिन उसी दल में अब गंदगी फैल रही है।
एक और तथ्य भी सामने आया कि इन बदमाशों के निशाने पर वहीं लड़कियां आई हैं, जो सामान्य या गरीब परिवार की हैं या उनके मां- बाप नहीं हैं अथवा वे किराए या हास्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थीं।