प्रदेश में राज्य वक्फ बोर्ड का नया कार्यालय भवन बनाया जाएगा। भोपाल में बनने वाले इस भवन का नाम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा जाएगा। मौजूदा वक्फ बोर्ड कार्यालय 150 साल से अधिक पुराने भवन में संचालित होता है। यह भवन जर्जर और छोटा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को सीएम हाउस में आयोजित वक्फ सुधार जन जागरण अभियान के तहत कार्यक्रम में इसकी घोषणा की।
सीएम ने कहा कि वक्फ की संपत्तियों पर गलत नजर डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य सरकार ऐसे लोगों के साथ सख्ती से पेश आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल नए वक्फ कानून के नाम पर भ्रम फैला रहे हैं। इन्हीं लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भ्रम फैलाया था। उन्हें मुस्लिम विरोधी बताया जाता था। लेकिन मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनका सबसे ज्यादा सम्मान अरब देशों में हुआ है।
सीएम ने सांप-नेवले की लड़ाई दिखाने के नाम पर अपना मंजन बेचने वाले मदारी की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग मुसलमानों को भाजपा का काल्पनिक डर दिखाकर अपनी राजनीति चमकाते रहे हैं। अब ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।
मप्र में 2 हजार वक्फ माफिया को नोटिस अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि मप्र पहला राज्य है, जिसने सभी वक्फ दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन किया। वक्फ संपत्तियों की जियो टैगिंग का काम भी किया गया। । मप्र वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सनव्वर पटेल ने बताया कि अब तक मप्र में 2 हजार से अधिक वक्फ माफिया को नोटिस जारी किए गए हैं। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी समीर दाद समेत कई संस्थाओं के 150 प्रतिनिधि थे।