मप्र में ट्रक व अन्य वाहनों से अवैध वसूली की मिल रही शिकायतों को कम करने के लिए परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा की ओर से जारी नई गाइडलाइन के आधार पर चेकिंग शुरू कर दी गई है। नए निर्देशों के बाद परिवहन विभाग ने 360 नए बॉडी वॉर्न कैमरे ले लिए हैं, जिनकी मदद से चेकिंग शुरू कर दी गई है।
मई अंत तक इन कैमरों को डॉकिंग स्टेशन से जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद सभी बॉडी वॉर्न कैमरे लाइव फीड देने लगेंगे और अफसर कहीं से भी किसी भी चेकिंग पॉइंट को लाइव देख सकेंगे। डॉकिंग स्टेशन यानी ऐसा स्थान, जहां बॉडी वॉर्न कैमरों को चार्ज करने के लिए उपकरण लगाए गए हैं। साथ ही कैमरों का डेटा इन उपकरणों में खुद ब खुद ट्रांसफर हो जाएगा, ताकि उनकी मेमोरी इस्तेमाल के लिए खाली रहें। इसके लिए मप्र में 45 डॉकिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इनमें से 15 स्टेशन से रिकॉर्डिंग आनी शुरू हो गई हैं।
8 बिंदुओं पर चेकिंग व्यवस्था लागू करने के निर्देश
नई गाइडलाइन के तहत 8 बिंदुओं पर चेकिंग व्यवस्था लागू करने के लिए कहा है। यदि इस आधार पर चेकिंग नहीं हुई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। अब केवल सिपाही-हवलदार वाहनों की चेकिंग नहीं कर सकेंगे, उन्हें साथ में कम से कम सहायक परिवहन उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को रखना होगा।
यूनिट के साथ अटैच ड्राइवर के अलावा कोई भी व्यक्ति चेकिंग के दौरान शामिल नहीं होना चाहिए। चालान सिर्फ पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन से बनेंगे। यूनिट एक बार में एक ही वाहन को रोका सकेगी। उसके बाद ही दूसरे वाहन को रोका जाएगा। अगर किसी वाहन को बिना किसी विशेष कारण 15 मिनट से ज्यादा रोका जाएगा तो ये माना जाएगा कि यूनिट की मंशा सही नहीं है। रात के समय चेकिंग के लिए ऐसा स्थान चुना जाए, जहां अंधेरे के कारण दुर्घटना न हो।
चेकिंग के वक्त दो बॉडी वॉर्न कैमरे चालू रखना जरूरी निर्देश के तहत अंधेरे में स्टाफ के पास एलईडी बैटन और रिफलेक्टिव जैकेट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। ये प्रभारी सुनिश्चित करेंगे। बॉडी वॉर्न कैमरा उपलब्ध होते ही पूरी चेकिंग के दौरान कम से कम दो बॉडी वॉर्न कैमरा चालू रहें। इनमें से एक कैमरा लाइव मोड में रहे। हर कैमरे को अधिकारी, कर्मचारी वार आवंटित किया जाएगा। संबंधित व्यक्ति ही उस कैमरे का इस्तेमाल करेंगे। चेकिंग के दौरान रिकॉर्डिंग मोड के दो कैमरों के अलावा बाकी दूसरे कैमरे स्टैंड बाय मोड में रहेंगे।