भोपाल के विकास कार्यों को लेकर मंगलवार को हुई बैठक में अफसरों के खिलाफ प्रभारी मंत्री से लेकर विधायक खासे नाराज हुए। नगरीय विकास संचालनालय में सभी नेताओं को ‘सिटी मोबिलिटी प्लान’ (सीएमपी) का प्रेजेंटेशन दिखाने के लिए बुलाया गया था, लेकिन शुरुआत में विधायक मेट्रो रेल और ब्रिज के काम को लेकर भड़क गए। विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि भदभदा और रत्नागिरी में मेट्रो का काम शुरू हो गया, लेकिन इसकी जानकारी ही नहीं दी गई।
इस पर विधायक रामेश्वर शर्मा और आरिफ मसूद ने भी समर्थन कर दिया। प्रभारी मंत्री व एमएसएमई मंत्री चेतन कश्यप ने सीएमपी बनाने वाली कंपनी से कहा कि आपने दो घंटे पहले प्लान दिया। वह भी सतही है। मुख्यमंत्री के निर्देश थे कि काम शुरू करने से पहले जनप्रतिनिधियों की राय लेनी चाहिए। ऐसे प्लान पर कैसे राय देंगे।
रामेश्वर ने कहा कि बैरागढ़ का डबल-डेकर ब्रिज शुरू होने के बाद बताया गया। बाकी विधायकों ने भी कहा कि भदभदा और रत्नागिरी में पिलर खड़े हो रहे हैं। जबकि इन जगहों पर भी डबल डेकर पर विचार होना चाहिए। यानी पिलर्स पर सड़क मार्ग के साथ मेट्रो चले। मेट्रो को रिवाइज प्लान बनाना चाहिए। प्रभारी मंत्री ने कहा कि रिवाइज इस्टीमेट बनाइए। इसे केंद्र को भेजकर मंजूरी लीजिए। अभी यह काम रोकना चाहिए।
बैठक में महापौर मालती राय भी मौजूद रहीं। मंत्री विश्वास सारंग और मंत्री कृष्णा गौर नहीं पहुंचे। कृष्णा गौर वक्फ से जुड़ी मुख्यमंत्री की बैठक में चलीं गईं। मुझे सब काला दिख रहा है: कंपनी ने प्रभारी मंत्री को प्रेजेंटेशन की कलर प्रिंट वाली कॉपी दी, जबकि विधायकों को ब्लैक एंड व्हाइट दी। इस पर आरिफ मसूद ने चुटकी ली कि उन्हें तो सबकुछ काला दिख रहा है।
आधे घंटे में बैठक खत्म पीडब्ल्यूडी में एक सेक्शन के चीफ इंजीनियर मौजूद हैं, लेकिन बैरागढ़ डबल-डेकर ब्रिज सेक्शन के चीफ इंजीनियर ने अपने एसडीओ को भेज दिया। यह सही तरीका नहीं है। कलेक्टर भी मॉक ड्रिल से संबंधित बैठक में चले गए। आधे घंटे में ही बैठक खत्म हो गई।
-रामेश्वर शर्मा, विधायक
विधायकों को बताएं काम एजेंसी को पहले उनके क्षेत्र के विधायकों को बताना चाहिए कि क्या काम होने वाला है। मेट्रो वालों को कहा गया है कि वे 10 दिन में सारा प्लान बताएं। जरूरी सुझावों को शामिल करें। सीएमपी के लिए भी यही तय हुआ था। कंपनी ने प्रेजेंटेशन ही कुछ समय पहले दिया।
-चेतन कश्यप, प्रभारी मंत्री, भोपाल