भोपाल नगर निगम के दो और सौर ऊर्जा संयंत्र 30 जुलाई तक बिजली का उत्पादन शुरू कर देंगे। लेकिन, इसका उद्घाटन 15 अगस्त को किया जाएगा। यह संयंत्र प्रति घंटे 20.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेंगे। एक दिन पहले नीमच में पहले चरण के 10 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया था।
यह संयंत्र हर घंटे 7 से 8 मेगावाट बिजली बना रहा है। इसका परीक्षण 14 अप्रैल को शुरू हुआ था। इसके बाद इसका उद्घाटन किया गया। एक संयंत्र पर 41 करोड़ रुपए खर्च हुआ। इसमें से निगम ने 14 करोड़ रुपए दिए। इससे निगम को सिर्फ 4.20 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिलेगी, जबकि अभी निगम को एक यूनिट पर 6.14 रुपए खर्च करना पड़ता है। एक संयंत्र से हर साल 1 करोड़ 75 लाख यूनिट बिजली बनाने की उम्मीद है।
164 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
नगर निगम कुल 4 प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसमें 10-10 मेगावाट दो और शेष दो 10.5-10.5 मेगावाट के हैं। प्रत्येक प्रोजेक्ट पर 41-41 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यानी कुल 164 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है। इसमें नगर निगम 54 करोड़ रुपए खर्च करेगा। इससे 25 साल तक नगर निगम को सभी खर्च मिलाकर करीब 4.20 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी। इसके साथ ही पावर बैंक भी बनेगा। यानी ज्यादा बिजली बनने पर वह पावर बैंक में जमा कर सकेगा।
ऐसी स्थिति में निगम को केवल 10 मेगावाट के एक संयंत्र से हर साल 3 करोड़ 39 लाख 50 हजार की बचत होगी। पूरी क्षमता यानी 41 मेगावाट उत्पादन शुरू होने पर यह बचत कम से कम 4 गुना यानी 12 करोड़ से अधिक होगी। अगले वर्षों में टैरिफ के बढ़ने पर निगम पर पड़ने वाला अतिरिक्त भार भी नहीं पड़ेगा।
अगले 25 सालों तक मिल सकेगी सस्ती दरों पर बिजली
पहले चरण में 10 मेगावाट का उत्पादन शुरू हो गया है। दूसरे चरण में दो संयंत्रों को भी 15 अगस्त तक शुरू करने का लक्ष्य रखा है। इससे निगम को 25 साल तक सस्ती दरों पर बिजली मिल सकेगी।
-हरेंद्र नारायण, कमिश्नर नगर निगम