भोपाल में 12 मई को बाणगंगा चौराहे पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे के मामले में लापरवाही सामने आने पर टीटी नगर थाने के प्रभारी सुधीर अर्जरिया को देर रात लाइन अटैच कर दिया गया है। उनकी जगह अब मानसिंह चौधरी को टीटी नगर थाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह फैसला मामले की जांच में गंभीर खामियों के चलते लिया गया है।
इस हादसे में एक डॉक्टर की मौत हो गई थी, जब बाणगंगा सिग्नल पर खड़ी भीड़ को स्कूल बस ने कुचल दिया था। अब इस पूरे प्रकरण की जांच की कमान कमला नगर पुलिस को सौंपी गई है।
असली चालक का नाम छिपाया गया
जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि बस का एग्रीमेंट हादसे के बाद बैकडेट में तैयार किया गया था। आरोपी प्रवेश नागर ने पहले किसी ‘सुनील’ नाम के ड्राइवर को जिम्मेदार बताया, लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद सामने आया कि बस चला रहा विशाल बैरागी था। चौंकाने वाली बात ये है कि विशाल के पास हैवी व्हीकल चलाने का वैध लाइसेंस ही नहीं है।
प्रवेश नागर ने लाइसेंस की कमी और अवैध संचालन पर पर्दा डालने के लिए जानबूझकर गलत जानकारी दी। मामले में अब विशाल बैरागी को जेल भेज दिया गया है।
दो बसें ज़ब्त, ₹42,000 का जुर्माना
इस हादसे के बाद गुरुवार को परिवहन विभाग ने विशेष चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान एक स्कूल बस को बिना परमिट बारात ले जाते हुए पकड़ा गया, जिस पर ₹42,000 का जुर्माना लगाया गया और बस को ज़ब्त कर लिया गया। वहीं एक अन्य बस को होशंगाबाद रोड से बिना परमिट के संचालन करते पकड़ा गया और उसे भी ज़ब्त किया गया।
यह मामला अब सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं रह गया है, बल्कि इसमें लापरवाही, दस्तावेजों की गड़बड़ी और गैरकानूनी संचालन की परतें लगातार खुलती जा रही हैं।