मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में किसान दीपक गेहलोद ने 8 एकड़ में टमाटर की खेती की। 3 महीने में फसल तैयार हुई। जब फसल मंडियों में बिकने पहुंची तो रेट सुनकर वे दंग रह गए। प्रति एकड़ जिस फसल पर 1 लाख रुपए तक खर्च किए, उसी के दाम 1 से 2 रुपए प्रतिकिलो ही मिल रहे हैं। मजबूरन वे टमाटर को मवेशियों को खिला रहे हैं।
ये पीड़ा सिर्फ दीपक की नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के सभी टमाटर उत्पादक किसानों की है। अच्छी क्वालिटी और बड़ी साइज के टमाटर के रेट भी 2 से 3 रुपए किलो तक ही पहुंच रहे हैं। दूसरी ओर, जनता को यह 8 से 10 रुपए किलो तक मिल रहा है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य टमाटर उत्पादन जिलों में कितने रेट हैं, किसान-आम लोगों को कितना फायदा-नुकसान हो रहा है,
सबसे पहले जानिए कृषि विज्ञान केंद्र, शाजापुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसएस धाकड़ ने बताया कि इस बार अच्छी बारिश हुई है। दूसरी ओर, जनवरी-फरवरी में ओलावृष्टि नहीं हुई और न ही ज्यादा दिन तक शीतलहर चली। इस कारण प्रदेश में टमाटर की पैदावार भी बंपर हुई।
शिवपुरी, छिंदवाड़ा, सागर, सतना, दमोह, रायसेन, अनूपपुर, सिंगरौली, रीवा, जबलपुर, शाजापुर, उज्जैन, आगर-मालवा, विदिशा, सीहोर जैसे टमाटर उत्पादक जिलों में पैदावार भी अच्छी हुई है। यहां दो तरह से फसलें ली गईं। पहली खेतों में और दूसरी नेट हाउस, पॉली हाउस में।
खेत में एक एकड़ में 500 से 600 क्विंटल और नेट-पॉली हाउस में 1500 क्विंटल तक पैदावार हुई है। इससे खपत से कई गुना ज्यादा टमाटर मंडियों में पहुंच गया। इस वजह से रेट लुढ़क गए।
भोपाल: थोक भाव 2 से 5 रुपए किलो भोपाल में दो साइज और क्वालिटी का टमाटर बिक रहा है। बड़ी और अच्छी क्वालिटी वाला टमाटर थोक में 2-5 रुपए और फुटकर में 8 से 10 रुपए किलो तक बेचा जा रहा है। छोटी साइज के टमाटर के बाजार में रेट 5 रुपए किलो तक है। इस्लामपुरा, सीहोर, नर्मदापुरम, राजगढ़ समेत आसपास के जिलों से टमाटर भोपाल पहुंच रहा है।
इंदौर: क्वालिटी के हिसाब से रेट इंदौर मंडी में भाव 50 से 80 रुपए प्रति कैरेट तक पहुंच गए हैं। आवक 6 से 7 हजार कैरेट है। क्वालिटी के अनुसार भाव 3 से 5 रुपए प्रति किलो तक है। इससे किसानों का उत्पादन खर्च भी नहीं निकल रहा है। खरगोन के किसान अशोक वर्मा, भूपेंद्र वर्मा ने बताया- फिलहाल गाड़ी भाड़ा, मजदूरी, तुड़ाई, बीज, दवाई, खाद खर्च निकलने में मुश्किलें आ रही हैं।
एक कैरेट पर 80 से 90 रुपए लागत आती है। नुकसान तो हो रहा है, लेकिन क्या कर सकते हैं? माल तो मंडी में लाकर बेचना ही होगा, नहीं तो खेतों में खराब हो जाएगा।
जबलपुर: औंधे मुंह गिरे भाव जबलपुर के बाजार में इस समय टमाटर के दाम औंधे मुंह गिरे हुए हैं। थोक में जहां टमाटर के रेट 8 से 10 रुपए प्रति किलो हैं तो फुटकर में कीमत 12 से 15 रुपए प्रति किलो है। बीते साल की अपेक्षा इस वर्ष टमाटर के दाम बहुत ही कम हैं।
2024 के मार्च माह में जहां टमाटर थोक में 30 रुपए और फुटकर में 40 रुपए प्रति किलो थे, वहीं इस साल दाम आधे से भी कम रेट पर आकर ठहर गए हैं। जबलपुर में बरगी, चरगवां के साथ भोपाल, बरेली, सिवनी छपारा से भी बड़ी मात्रा में टमाटर बिकने आ रहा है।
ग्वालियर: 8 रुपए प्रति किलो ग्वालियर में फुटकर में टमाटर का रेट 8 रुपए प्रति किलो तक है। वहीं, थोक में भाव 4 रुपए किलो है। ग्वालियर में टमाटर की अच्छी पैदावार होती है, जबकि शिवपुरी समेत आसपास के जिलों से भी टमाटर बिकने पहुंचता है।
पांढुर्णा: टमाटर चरने के लिए मवेशियों को खेत में छोड़ा पांढुर्णा में टमाटर की खेती से किसान बर्बाद हो गए हैं। उनका मेहनताना तक नहीं निकल रहा है। कई किसान मवेशियों को खेतों में छोड़ रहे हैं। यहां 30 से 50 रुपए में एक कैरेट (25 से 30 किलो) टमाटर बिक रहा है। इससे किसान को एक किलो के 1 से डेढ़ रुपए ही मिल रहे हैं।
सावरगांव के किसान लीलाधर भांगे ने बताया- एक एकड़ में लगाई टमाटर की खेती पर 40 हजार लागत आई है, लेकिन मुनाफा एक रुपए भी नहीं मिला है। पीपला नारायणवार के किसान प्रवीण पालीवाल, राजेश चेड़गे, बाल्या चौधरी ने कहा- अच्छे रेट नहीं मिलने से टमाटर से भरी पिकअप को जामसांवली हनुमान मंदिर की गोशाला में ही छोड़ आए हैं।