गाजा में हमास का वह सीक्रेट 'हथियार' जिसने दिला दी लादेन की याद, इजरायली सेना के छूट रहे पसीने
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19-10-2023 02:24 PM
तेल अवीव: 12 दिन के बाद भी कोई नहीं जान पा रहा है कि हमास और इजरायल के युद्ध पर विराम कब लगेगा। अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनिया की कई शक्तियां इस तनाव को कम करने की कोशिशों में लगी हैं लेकिन फिर भी कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है। इस युद्ध की वजह से सबकी नजरें सुरंगों के उस विशाल नेटवर्क पर भी गई हैं जिसके बारे में किसी ने कभी कल्पना तक नहीं की थी। जमीन के अंदर बिछा यह नेटवर्क हमास का वह सीक्रेट हथियार है जो इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) को बॉर्डर पर ही रोककर रखे है। अंडरग्राउंड सुरंगों की वजह से कही न कहीं आईडीएफ जमीनी हमले को लेकर अपनी रणनीति को फिर से तैयार करने में लगी हुई है।
इंसानी सभ्यता का हिस्सा सीक्रेट सुरंग का इंसानी सभ्यता से काफी गहरा नाता रहा है। एक समय में इन सुरंगों का प्रयोग रसद और दूसरे जरूरी सामानों की सप्लाई के लिए किया जाता था। इतिहासकारों की मानें तो 66 से 70 ईस्वी तक रोमन सैनिकों के खिलाफ यहूदी विद्रोह से लेकर वियतनाम युद्ध तक इन सुरंगों का जमकर प्रयोग किया गया। वियतनाम युद्ध के बाद जब अमेरिका पर हमला हुआ तो उसके बाद अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में दाखिल हुई। तोरा-बोरा में अल कायदा के आतंकियों को भी इन्हीं सुरंगों ने पनाह दी हुई थी। इन्हीं सुरंगों से आतंकी घात लगाकर सैनिकों पर हमले करते थे।
अमेरिका को मिला चकमा वियतनाम युद्ध करीब 20 साल तक चला था। इस दौरान वियतनाम के गुरिल्लाओं की 'हिट एंड एस्केप' तकनीकी ने शक्तिशाली अमेरिका की भी कमर तोड़कर रख दी थी। गुरिल्ला टेक्निक में न सिर्फ वियतनाम के लड़ाकों को सुरंगों से सहारा मिला बल्कि अमेरिका की सेनाएं भी चकमा खा गई थीं। भूलभुलैया जैसी सुरंगों की मदद से अमेरिकी वायुसेना के दूरी की टोही विमान और हेलीकॉप्टर निगरानी मिशनों से वियतनामी लड़ाके छिपने में सफल रहे थे। क्यू ची में, वियतनाम की पूरी सेना छिप सकती थी, ट्रेंनिंग ले सकती थी और एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जा सकती थी और अमेरिका को उनकी आहट भी पता नहीं चलती।
लादेन की रक्षक 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने तालिबान के शासन वाले अफगानिस्तान में अल-कायदा के ठिकानों पर ऑपरेशन एंडयोरिंग फ्रीडम लॉन्च किया था। अमेरिका का मकसद तालिबान को हटाना और अल-कायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन को पकड़ना था। अमेरिका कुछ ही हफ्तों में तालिबान को उखाड़ने में सफल हो गया, लेकिन बिन लादेन को पकड़ने में असफल रहा। लादेन सुरंगों के जरिए पाकिस्तान भाग गया था। तोरा बोरा अफगानिस्तान में जलालाबाद से 48 किमी दक्षिण पूर्व में एक किले जैसा क्षेत्र है। यहां के सफेद पहाड़ करीब 9.5 किमी लंबे और चौड़े हैं। तोरा बोरा पहाड़ों में प्राकृतिक गुफाएं और सुरंगें थीं। जबकि कुछ सुरंगें बिन लादेन ने बनवाई थीं। इसी तरह से सद्दाम हुसैन की तलाश भी सुरंगों की वजह से मुश्किल हो गई थी।
हमास का बड़ा दावा हमास नेता याह्या सिनवार ने दावा किया था कि गाजा में सुरंग नेटवर्क 500 किमी लंबा है। सिनवार का कहना था कि साल 2021 में आईडीएफ सिर्फ पांच फीसदी नेटवर्क को नुकसान पहुंचा पाया था। हमास की सुरंगें आईडीएफ के लिए भुलभुलैया की तरह हैं। साल 2007 में गाजा पट्टी पर नियंत्रण लेने के बाद से हमास ने शहर के अंदर और गाजा-इजरायल सीमा पर भी सुरंगों का नेटवर्क बढ़ा लिया है।
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