मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि वन विभाग में ग्रेजुएटी अधिनियम 1972 के तहत स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति एवं मृत्यु होने पर अभी तक तीन लाख 50 हजार रुपये ग्रेजुएटी भुगतान की जा रही थी।
केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी अधिनियम 1972 के स्थान पर नए ग्रेजुएटी अधिनियम 2010 प्रतिस्थापित कर दिए हैं। जिसके तहत कर्मचारियों को ग्रेजुएटी साढे़ तीन लाख के स्थान पर अधिकतम 10 लाख रुपए भुगतान किए जाने की निर्देश है लेकिन मध्य प्रदेश में 14 साल बाद भी नए ग्रेजुएटी अधिनियम लागू नहीं किए गए हैं।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच की मांग के बाद वन विभाग में पहली बार नए ग्रेजुएटी अधिनियम लागू किए गए हैं। वन विभाग के आदेश के बाद अब अन्य विभागों में भी नए ग्रेजुएटी अधिनियम लागू हो जाएंगे।