मप्र का पहला कंजर्वेशन रिजर्व बैतूल जिले में सतपुड़ा और मेलघाट टाइगर रिजर्व के बीच में स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले मप्र वन्य प्राणी संरक्षण बोर्ड ने इसकी मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वन विभाग को इसके नोटिफिकेशन का प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं।
हाल ही में हुई मप्र वन्यप्राणी बोर्ड की बैठक में बोर्ड के सदस्य बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल ने इसका प्रस्ताव रखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि बैतूल के एक ओर होशंगाबाद जिले में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व है, दूसरी ओर दक्षिण में महाराष्ट्र के अमरावती जिले में मेलघाट टाइगर रिजर्व है। बैतूल के जंगल दोनों टाइगर रिजर्व के बीच वन्यजीवों के आवागमन के लिए वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर का काम करते हैं। इसलिए यह कंजर्वेशन रिजर्व के लिए प्रदेश में सबसे अनुकूल साइट है। महाराष्ट्र बार्डर पर यहां कंजर्वेशन रिजर्व बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
महाराष्ट्र बाॅर्डर पर वाइल्ड लाइफ टूरिस्ट सेंटर के रूप में होगा विकसित
तमिलनाडु में मंदिर परिसर में बना पहला संरक्षण रिजर्व
तिरुविदैमरुदुर भारत का पहला कंजर्वेशन रिजर्व है, जो 14 फरवरी 2005 को घोषित किया गया था। यह तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के तिरुविदैमरुदुर गांव के प्राचीन शिव मंदिर परिसर में 7 एकड़ जमीन पर मौजूद है। यह रिजर्व कलक्कड़ मुंडनथुराई टाइगर रिजर्व से 10 किलोमीटर दूर है। इसका प्रबंधन पूरी तरह स्थानीय ग्रामीण और तमिलनाडु वन विभाग मिलकर करते हैं। यहां कई प्रकार के खूबसूरत पक्षियों का घर है।
सबसे ज्यादा कंजर्वेशन रिजर्व जम्मू-कश्मीर में हैं
भारत में पिछले 20 साल में कुल 115 कंजर्वेशन रिजर्व अलग-अलग राज्य सरकारों ने बनाए हैं, इनमें सर्वाधिक 33 जम्मू-कश्मीर में, 21 राजस्थान में, 17 कर्नाटक और 15 महाराष्ट्र में हैं। इन कंजर्वेशन रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 5548.75 वर्ग किलोमीटर है। वहीं देश में कुल 220 कम्युनिटी रिजर्व हैं में से सर्वाधिक 114 नागालैंड में हैं।
कूनों के खुले जंगल में 5 चीते आज छोड़े जाएंगे
कूनो नेशनल पार्क के खजूरी पर्यटन जाेन में सोमवार को मादा चीता गामिनी और उसके चार शावकों को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ट्वीट के जरिए साझा की। अब खुले में विचरण करने वाले चीतों की संख्या 12 से बढ़कर 17 हो जाएगी। फिलहाल कूनो नेशनल पार्क में कुल 26 चीते हैं। गामिनी और उसके शावकों के छोड़ने के बाद 9 चीते ही बाड़ों में रह जाएंगे, जिनमें से दो शावक दो महीने के हैं।