पाकिस्तान के सीपीईसी से पैर खींच रहा चीन
केयरटेकर पाकिस्तानी पीएम काकर ने दावा किया कि बीआरआई से न केवल भौगोलिक कनेक्टिविटी बढ़ेगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में एक स्थिरता भी आएगी। पाकिस्तानी पीएम बीआरआई की तब तारीफ कर रहे हैं जब दुनिया में जिनपिंग के प्रॉजेक्ट को कर्ज में फंसाने वाला माना जा रहा है। चीन बीआरआई के तहत पाकिस्तान में अरबों डॉलर का निवेश कर चुका है लेकिन पाकिस्तान के धोखा देने और आर्थिक संकट की वजह से अपने पैर खींच रहा है। इससे पहले इमरान खान ने सीपीईसी परियोजना की हकीकत समझकर इसे लटका दिया था जिससे चीन भड़क गया था।
चीन ने पिछले 10 साल में पाकिस्तान में खुद को ऊर्जा, ट्रांसपोर्ट और समुद्री रास्तों तक ही सीमित रखा है। वह भी तब जब उसने बीआरआई के तहत दुनियाभर में रेल और सड़क मार्ग बनाए हैं। चीन की कंपनियों ने पाकिस्तान के आधारभूत ढांचे में 25 अरब डॉलर का निवेश किया है लेकिन उद्योगों और कृषि उत्पाद के निर्यात से ड्रैगन ने दूरी बना रखी है। पाकिस्तान अब सीपीईसी को फिर से आगे बढ़ाने पर जोर दे रहा है ताकि उसकी कंगाली चीनी डॉलर की मदद से दूर हो जाए। खुद पाकिस्तानी सेना प्रमुख देश के आर्थिक हालात को सुधारने में जुट गए हैं। उनके ही इशारे पर केयरटेकर पीएम काकर की नियुक्ति की गई है।