एफएटीएफ के पास जा सकता है भारत
भारत ने कनाडा के साथ बढ़ते तनाव के बीच उसके 41 राजनयिकों को देश छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर दिया था। इससे कनाडा की सरकार बौखलाई हुई है और भारत विरोधी खालिस्तानी आंदोलन पर कोई रोक नहीं लगा रही है। इस बीच अब भारत भी पलटवार की पूरी तैयारी कर चुका है। बताया जा रहा है कि खालिस्तानियों के खिलाफ ऐक्शन के लिए अब भारत एफएटीएफ का दरवाजा खटखटा सकता है। भारत की कोशिश है कि कनाडा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण पर कानूनी और नियामकीय कार्रवाई की जाए।
भारत ने कनाडा को विश्वसनीय और अकाट्य सबूत दिए हैं लेकिन उसने अपनी जमीन पर आतंकी वित्तपोषण को रोकने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। एफएटीएफ अब तक कनाडा और कई अन्य देशों पर आतंकी वित्तपोषण रोकने के लिए अपना डंडा चला चुका है। एफएटीएफ का गठन साल 1989 में किया गया था और यह इस बात को सुनिश्चित करता है कि वैश्विक वित्तीय सिस्टम में आने वाले पैसे को आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाए। एफएटीएफ के पलटवार की वजह से पाकिस्तान को अरबों डॉलर का नुकसान हो चुका है। अब भारत यही हथियार कनाडा के खिलाफ चलाना चाहता है।