जारनेक ने प्रत्यर्पण की मांग की
जारनेक ने आगे लिखा कि मैं यारोस्लाव हुंका के दस्तावेजों की सावधानीपूर्वक जांच करने के अनुरोध के साथ राष्ट्रपति की ओर रुख कर रहा हूं। हुंका पोलिश राष्ट्र और पोलिश मूल के यहूदी नागरिकों के खिलाफ अपराधों के लिए वांछित है। ऐसे अपराध की विशेषताएं कनाडा के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आधार बनती हैं। मैं उसके प्रत्यर्पण के लिए कनाडा से अनुरोध करने की मांग करता हूं।
कनाडा की संसद में क्या हुआ था?
दरअसल, जस्टिन ट्रूडो ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की को खुश करने के लिए एक पूर्व यूक्रेनी मूल के सैनिक यारोस्लाव हुंका को कनाडाई संसद में सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया। इस सैनिक ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सोवियत संघ की लाल सेना के खिलाफ लड़ाई में हिस्सा लिया था। इस दौरान कनाडा के संसद के स्पीकर एंथनी रोटा ने यारोस्लाव हुंका की तारीफ में कसीदे पढ़े। एंथनी रोटा ने कहा कि यारोस्लाव हुंका एक वॉर हीरो थे, जिन्होंने प्रथम यूक्रेनी डिवीजन के लिए लड़ाई लड़ी थी। वह एक यूक्रेनी हीरो, एक कनाडाई हीरो हैं और हम उनकी सभी सेवाओं के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। इसके बाद कनाडाई संसद में बैठे हर एक सांसद ने मुठ्ठियां भींचकर नारे लगाते हुए यारोस्लाव हुंका के प्रति अपना आभार व्यक्त किया, हालांकि तब उन्हें वो बात पता नहीं थी, जो बाद में उनके पद और कनाडा के लिए मुश्किल बनने वाली थी।