भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि युद्ध विराम हो या न हो, भारत को पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों का पीछा करना जारी रखना चाहिए। जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करता रहेगा, तब तक शांति नहीं हो सकती।
हैदराबाद के सांसद ओवैसी X पर एक पोस्ट में कहा कि उनकी इच्छा है कि युद्ध विराम की घोषणा किसी विदेशी राष्ट्रपति के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करनी चाहिए थी। ओवैसी ने यह भी कहा कि क्या अमेरिका यह गारंटी देता है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा।
ओवैसी ने यह सवाल भी किए
अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के परमाणु हथियार नष्ट करने पर सोचे
औवेसी ने कहा कि पाकिस्तान पूरी दुनिया के लिए खतरा है। किसी न किसी समय, दुनिया के नेताओं को यह तय करना होगा कि क्या इस देश को परमाणु हथियार रखने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं। इस देश में परमाणु हथियारों को नष्ट किया जाना चाहिए। दुर्भावना की पराकाष्ठा इतनी है कि उन्होंने श्रीनगर में हॉस्पिटल्स को निशाना बनाया। इस समय, हमें अपनी सेना के पीछे खड़ा होना चाहिए और पाकिस्तानी दुष्प्रचार को विफल करना चाहिए।
IMF के 1 बिलियन डॉलर के लोन को बताया आतंकवादी फंड
ओवैसी ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का लोन देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि यह असल में आतंकवाद की फंडिंग कर रहा है। अमेरिका, जर्मनी और जापान इसके लिए कैसे तैयार हुए। वे ऑफिशियल भिखमंगे हैं। IMF पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी फंड दे रहा है। नेतृत्व को भूल जाइए, वे पाकिस्तान अर्थव्यवस्था चलाना भी नहीं जानते। वहां बैठे हैं और हमें बता रहे हैं कि इस्लाम क्या है, लेकिन आपके पास यहां की शांति को बिगाड़ने और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संघर्ष पैदा करने के लिए केवल गलत नीतियां हैं।