इस महीने की शुरुआत में सरकार ने आरबीआई की एमपीसी का पुनर्गठन किया था। इसमें तीन नए बाहरी सदस्य नियुक्त किए गए थे। इस नियुक्ति के बाद एमपीसी की यह पहली बैठक थी। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने हाल में बेंचमार्क दरों में 0.5 फीसदी कटौती की थी। साथ ही कुछ अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों ने भी ब्याज दरों में कटौती की थी। लेकिन आरबीआई ने उनका अनुसरण नहीं किया और ब्याज दरों को यथावत बनाए रखा। विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर रेपो रेट में कुछ ढील की गुंजाइश है।