पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए आम चुनाव के बाद आज संसद का पहला सत्र शुरू हो चुका है। सत्र की शुरुआत होते से ही PTI समर्थकों ने इमरान खान के पोस्टर के साथ नारेबाजी की। उन्होंने कहा- पाकिस्तान को सिर्फ इमरान ही बचा सकते हैं।
इसके बाद सभी सांसदों ने पद की शपथ ली। इस दौरान PML-N पार्टी के सुप्रीमो नवाज शरीफ, PM पद के उम्मीदवार शाहबाज शरीफ और PPP पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो मौजूद रहे। नेशनल असेंबली में 1 मार्च को सीक्रेट बैलट के जरिए सदन के स्पीकर का चुनाव होगा।
दावा- 4 मार्च को होगा PM पद का चुनाव
इसके नतीजे घोषित होने के बाद स्पीकर डिप्टी स्पीकर के चुनाव की घोषणा करेंगे। इनके चुने जाने के बाद पाकिस्तान की संसद में प्रधानमंत्री चुनने का शेड्यूल जारी होगा। यह चुनाव आम तौर पर स्पीकर चुने जाने के 1-2 दिन बाद होता है।
जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान की संसद में PM का चुनाव 4 मार्च को होगा। पाकिस्तान के आम चुनावों में धर्म के आधार पर भेदभाव के बिना कोई भी शख्स चुनाव लड़ सकता है। हालांकि सिर्फ एक मुस्लिम सांसद ही पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बन सकता है।
अमेरिकी सांसद बोले- पाकिस्तान की नई सरकार को मान्यता न दी जाए
अमेरिकी सांसदों का बाइडेन प्रशासन से कहा है कि धांधली की जांच पूरी होने तक पाकिस्तान की नई सरकार को मान्यता न दी जाए। उनका कहना है कि जब तक यह साफ नहीं हो जाता की चुनाव में धांधली हुई थी या नहीं अमेरिका को पाकिस्तान सरकार को मान्यता नहीं देनी चाहिए।
पाकिस्तान की संसद में कैसे चुने जाते हैं प्रधानमंत्री
नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री के चुनाव से पहले 5 मिनट तक घंटी बजाई जाती है। इसका मकसद सभी सांसदों को चुनाव की जानकारी देना होता है। चुनाव शुरू होते ही नेशनल असेंबली के दरवाजे बंद हो जाते हैं। कोई भी शख्स सदन के अंदर या बाहर नहीं जा सकता। PM चुने जाने के लिए उम्मीदवार के पास 336 में से 169 सांसदों के वोट होना जरूरी होता है।
पाकिस्तानी मीडिया 'जियो न्यूज' के मुताबिक शाहबाज शरीफ नए प्रधानमंत्री होंगे। दरअसल, 8 फरवरी के चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत (134 सीट) नहीं मिला था। इसके बाद नवाज की पार्टी PML-N और बिलावल की पार्टी PPP ने गठबंधन सरकार बनाने पर सहमति जताई थी।
पिछले हफ्ते बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा था- एक बार फिर शाहबाज शरीफ प्रधानमंत्री होंगे। आसिफ अली जरदारी प्रेसिडेंट पद संभालेंगे। संविधान की धारा 91(2) के तहत राष्ट्रपति को चुनाव नतीजों की आधिकारिक घोषणा या इसकी अधिसूचना जारी होने के 21 दिनों के अंदर नेशनल असेंबली का सत्र बुलाना होता है।
PTI बोली- रिजर्व्ड सीटें अब भी खाली, संसद सत्र बुलाना अवैध
इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चेयरमैन गौहर खान का कहना है कि रिजर्व्ड सीटों के आवंटन के बिना संसद सत्र बुलाना अवैध है। सुन्नी इत्तिहाद काउंसिल (SIC) इन सीटों की मांग कर रही है। हालांकि इलेक्शन कमीशन ने SIC को आरक्षित सीटों के आवंटन पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
इसकी वजह है- PTI-SIC का गठबंधन। दरअसल, इमरान की पार्टी के कैंडिडेट्स निर्दलीय लड़े। नतीजे आने के बाद इन्होंने सुन्नी इत्तिहाद काउंसिल (SIC) से समझौता कर लिया क्योंकि यह गठबंधन चुनाव के बाद का है, लिहाजा SIC संवैधानिक तौर पर रिजर्व सीटों की हकदार नहीं है।
सरकार बनाने के लिए PTI समर्थक निर्दलीयों को किसी पार्टी का हिस्सा होना जरूरी था
दरअसल, सरकार बनाने की दावेदारी पेश करने के लिए इमरान के निर्दलीयों को किसी पार्टी या गठबंधन का हिस्सा होना पड़ता। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव से पहले इलेक्शन कमीशन ने खान की पार्टी पर बैन लगा दिया था। खान को भी अयोग्य घोषित कर दिया था।
PTI के चेयरमैन गौहर खान ने 19 फरवरी को कहा था- केंद्र में 70 और पूरे देश में 227 रिजर्व सीटें हैं। ये सीटें सिर्फ राजनीतिक पार्टियों को ही दी जाती हैं। अपने हक की रिजर्व सीटों को बचाने के लिए हमने SIC में शामिल होने का फैसला किया।
चुनाव के बाद से पाकिस्तान में क्या-क्या हुआ...
8 फरवरी : धमाकों, गोलीबारी के बीच सुबह 8:30 बजे वोटिंग शुरू हुई, जो शाम 5:30 बजे तक चली। वोटिंग खत्म होते ही मतों की गिनती शुरू हुई। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं। इनमें से 265 सीटों पर चुनाव हुए। एक सीट पर चुनाव टाल दिए गए हैं। बाकी सीटें रिजर्व हैं। पाकिस्तान में मुख्य रूप से 3 पार्टियों के बीच मुकाबला रहा। इनमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N), पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) शामिल रहीं।
9 फरवरी : चुनाव आयोग ने 18 घंटे की देरी के बाद आधिकारिक नतीजे घोषित करने शुरू किए। PTI ने दावा किया कि इमरान समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं। नतीजों की घोषणा में देरी को लेकर PTI समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किए।
10 फरवरी : नवाज की पार्टी PML-N और बिलावल की पार्टी PPP पूरे नतीजे आने के पहले ही गठबंधन की तैयारियों में जुट गई। सरकार बनाने के लिए बिलावल ने कुछ शर्तें रखीं। इस पर नवाज की पार्टी सहमत नहीं हुई।
11 फरवरी : वोटिंग के 67 घंटों बाद सभी सीटों के नतीजे घोषित हुए। इमरान समर्थकों ने चुनाव में धांधली के आरोप लगाए। कहा- लोगों के जनादेश चोरी हो रहे हैं। इमरान समर्थक निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे ज्यादा 93 सीटें जीतीं।
13 फरवरी : इमरान खान ने गठबंधन से इनकार किया। कहा- सरकार बनाने के लिए हम PML-N, PPP या MQM से बात नहीं करेंगे। देशभर में PTI का विरोध प्रदर्शन बढ़ा।
15 फरवरी : इमरान खान की पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के लिए उमर अयूब को नॉमिनेट किया। ये PTI के जनरल सेक्रेटरी और पूर्व राष्ट्रपति अयूब खान के पोते हैं। अयूब खान वही राष्ट्रपति हैं, जिनके कार्यकाल के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 की जंग हुई थी।
19 फरवरी : रिजर्व सीटें अपने नाम करने इमरान समर्थक निर्दलियों ने पाकिस्तान की धार्मिक पार्टी सुन्नी इत्तिहाद काउंसिल (SIC) में शामिल होने का फैसला किया। चुनाव में इस पार्टी ने केवल 1 सीट पर जीत दर्ज की थी।
20 फरवरी : सरकार बनाने के लिए नवाज की पार्टी PML-N और बिलावल की पार्टी PPP गठबंधन को तैयार हुईं। दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की शर्तों पर सहमति बनी।