कब तक रहेगी चीन में तेजी
मैक्वेरी का कहना है कि चीन का यह कदम फौरी तौर पर ठीक लगता है लेकिन इससे देश की इकॉनमी से जुड़ी बुनियादी समस्याएं हल नहीं होती हैं। इसी तरह ग्रोथ इन्वेस्टिंग के स्मॉलकेस मैनेजर और संस्थापक नरेंद्र सिंह ने कहा कि अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए माना जा रहा है कि चीन के साथ व्यापार युद्ध और भी आक्रामक होगा। हालांकि एफआईआई के आउटफ्लो के लिए केवल चीन ही एकमात्र कारण नहीं है।निवेशक भारतीय इक्विटी में ओवरवैल्यूएशन, कॉर्पोरेट इनकम सीजन की सुस्ती और डॉलर के मजबूत होने को लेकर भी चिंतित हैं। बाजार के दिग्गज अजय बग्गा कहते हैं कि जब बाजार इतने ऊंचे स्तर पर होते हैं, तो इनकम में कमी और बुरी खबरों के लिए बहुत कम सहनशीलता होती है। डॉलर इंडेक्स का 103 के स्तर से ऊपर उठना भी भारत पर असर डाल रहा है। दूसरी तिमाही की इनकम सीजन भी परेशानी बढ़ा रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के टारगेट प्राइस में कटौती की गई क्योंकि कंपनी के दूसरी तिमाही के आंकड़े उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे हैं।