ब्रजेंद्र वर्मा, भोपाल(Driving Training Centre)। मध्य प्रदेश में सबसे पहला ड्राइविंग सेंटर छतरपुर जिले में शुरू होगा। इस माह सेंट्रल इंस्टिट्यूट आफ रोड ट्रासपोर्ट(सीआईआरटी)पुणे से तकनीकी, फाइनेंस, सुपरविजन की तीन अलग-अलग टीम सेंटर की जांच करने आएंगी।
सीआईआरटी से हरी झंडी मिलने के बाद परिवहन विभाग की देखरेख में तपस्या साई बाबा जन कल्याण शिक्षा प्रसाद समिति ट्रेनिंग सेंटर का संचालन शुरू करेगी। इसके बाद से सेंटर से प्रमाण पत्र के अधार पर आरटीओ की ओर से परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
इस नई व्यवस्था से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया और बेहतर व पारदर्शी होगी। समिति के संचालक डॉ. आरके चतुर्वेदी ने बताया कि छतरपुर में सेंटर का काम पूरा हो चुका है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप(पीपीपी)मोड पर छतरपुर में रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर(आरडीटीसी)बनकर तैयार है।
इसमें साढ़े पांच एकड़ जमीन व छह करोड़ रुपये से अधिक खर्चा आया है। केंद्र सरकार के सहयोग से सड़क हादसों को कम करने के उद्देश्य से सेंटर शुरू किए जा रहे हैं। जिससे कुशल ट्रेनिंग लेने वालों के ही ड्राइविंग लाइसेंस बन सकें। संचालन शुरू करने के लिए पुणे से सीआईआरटी की अनुमति मिलनी है। संभवत: दो महीने में सेंटर का संचालन शुरू होने की उम्मीद हैं।
भोपाल में भी रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर(आरडीटीसी)का निर्माण हो रहा है। बंगरसिया में साढ़े पांच एकड़ जमीन में सेंटर बन रहा है। इसके लिए शासन से 5.5 करोड़ और 92 लाख संबंधित एजेंसी पैसा लगा रही है। इस वर्ष में भोपाल का सेंटर भी शुरू हो सकता है। इसके अलावा बैतूल में भी आरडीटीसी का काम शुरू होना है।
मध्य प्रदेश के तीन जिलों में डिस्ट्रिक्ट ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर(डीडीटीसी)बनेंगे। इनमें सतना, दमोह, सिंगरौली को शामिल किया गया। पन्ना में भी डीटीसी बनना है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह व्यवस्था सफल होने पर प्रदेश के सभी जिलों में भविष्य में आरडीटीसी व डीडीटीसी शुरू होंगे।
फिर क्षेत्रीय व जिला परिवहन अधिकारी सेंटरों से मिलने वाले ट्रेनिंग प्रमाण पत्रों के आधार पर परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया करेंगे।