गाजा युद्ध में जान गंवा रहे इजरायली-फलस्तीनी, मालामाल हो रहा अमेरिका, बाइडन की बल्ले-बल्ले
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01-11-2023 01:48 PM
वॉशिंगटन: इजरायल और हमास के बीच गाजा पट्टी में भीषण लड़ाई हो रही है। इजरायल की सेना गाजा के अंदर 5 किमी से ज्यादा अंदर तक घुस गई है और हमास की सुरंगों को निशाना बना रही है। इस लड़ाई में इजरायल के जहां 1400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, वहीं जवाबी कार्रवाई में फलस्तीन के भी 8500 लोग मारे गए हैं। इजरायल गाजा में हर मिनट गाजा में बम बरसा रहा है। इस लड़ाई से जहां दोनों पक्षों के लोग मर रहे हैं, वहीं अमेरिकी कंपनियां मालामाल हो रही हैं। खबरों के मुताबिक अमेरिका के वित्तीय संस्थान इस युद्ध से जमकर पैसा बनाने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल, अमेरिका इजरायल को अरबों डॉलर के हथियार देने जा रहा है और इन्हें बनाने वाली कंपनियां जमकर पैसा बनाने की उम्मीद कर रही हैं।
गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ शोधकर्ता काई वोन रूमोहर ने कहा, 'हमास ने अतिरिक्त मांग पैदा की है। हमारे पास अमेरिका के राष्ट्रपति की ओर से 106 अरब डॉलर का अनुरोध है।' उन्होंने कहा कि इस युद्ध से हथियारों की डिमांड बढ़ सकती है। उनका इशारा अमेरिका की जनरल डायनामिक्स कंपनी की ओर था जो हथियार बनाती है। वहीं जनरल डायनामिक्स कंपनी के अधिकारी जासोन एइकेन ने कहा कि इजरायल के हालात भयानक हैं और यह लगातार बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि तोप के गोलों की डिमांड ज्यादा आ सकती है।
इजरायल को मिसाइलें दे रहा अमेरिका
इसी तरह से 24 अक्टूबर को मोर्गन स्टैनली की क्रिस्टिन लिवाग ने हथियार निर्माता कंपनी आरटीएक्स (रेथियान) के अधिकारियों से कहा कि अमेरिका के इजरायल की मदद करने से उन्हें बड़ा वित्तीय फायदा हो सकता है। उन्होंने हथियार निर्माता कंपनी से कहा कि वाइट हाउस के 106 अरब डॉलर के फंडिंग अनुरोध को देखें तो आपको यूक्रेन के लिए हथियार, इजरायल के लिए हवाई और मिसाइल डिफेंस और इन दोनों के लिए हथियारों का जखीरा खाली होने पर उन्हें भरने का ऑर्डर मिलने जा रहा है।
लिवाग ने कहा कि यह रेथियान डिफेंस के लिए अच्छी खबर होने जा रहा है जिससे फायदा कमाया जा सकता है। इसके जवाब में आरटीएक्स कंपनी के चेयरमैन ग्रेग हायेस ने कहा कि हमें इससे काफी फायदा होने जा रहा है और हम समझते हैं कि अमेरिका के रक्षा मंत्रालय का भी बजट बढ़ने जा रहा है। एक तरफ जहां इजरायल और गाजा में लोग मर रहे हैं, वहीं अमेरिकी हथियार कंपनियां जमकर मुनाफा कमाने की तैयारी कर चुकी हैं।
अमेरिकी हथियारों पर क्या बोले बाइडन ?
बताया जा रहा है कि अमेरिका ने भी दुनियाभर में संघर्ष के बढ़ते खतरे को देखते हुए संसद से 106 अरब डॉलर के इमरजेंसी पैकेज को स्वीकृत करने की मांग की है। ये हथियार इजरायल, यूक्रेन और ताइवान को दिए जाने हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि दूसरे विश्वयुद्ध की तरह से ही देशभक्त अमेरिकी लोकतंत्र का हथियार बना रहे हैं और स्वतंत्रता की रक्षा कर रहे हैं। अमेरिका ने पूरे पश्चिमी एशिया में 40 हजार से ज्यादा सैनिक और महाविनाशक हथियार भेजे हैं।
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