2 लाख रुपये का निवेश... 2 साल की मेहनत... और अब करोड़ों की कमाई, क्या करती है यह महिला?
Updated on
20-10-2024 12:41 PM
नई दिल्ली: राजस्थान की रहने वालीं प्राची सेकसरिया फैशन ब्रांड मूरा (Moora) की फाउंडर हैं। उनकी यह कंपनी साड़ी बनाती है। प्राची ने यह बिजनस अपने पति के साथ मिलकर शुरू किया। शुरुआती निवेश मात्र 2 लाख रुपये था। उन्होंने कड़ी मेहनत की और 2 साल में ही इसे करोड़ों रुपये के कारोबार में बदल दिया।
प्राची फ्रीलांस कॉपीराइटर रही हैं। वह अपना कोई बिजनस शुरू करने की प्लानिंग कर रही थीं। लेकिन कोई अच्छा आइडिया दिमाग में नहीं आ रहा था। साल 2021 के आखिरी महीनों की बात है। एक दिन उनके पति ने उन्हें ब्लॉक-प्रिंटेड कॉटन साड़ी दिलवाई। जब उन्होंने इस साड़ी को पहना तो यह बाकी साड़ियों से अलग लगी। यह साड़ी बहुत हल्की थी, जिससे इसे पहनने में बिल्कुल भी मुश्किल नहीं आई। यहीं से उनके दिमाग में साड़ी के बिजनस का आइडिया आया।
पति ने किया समर्थन
प्राची बताती हैं कि जब उन्होंने साड़ी का बिजनस शुरू करने के बारे में सोचा तो इसके बारे में उन्होंने अपने पति से चर्चा की। पति ने प्राची के बिजनस का समर्थन किया और इस काम में उनकी मदद की। इसके बाद मई 2022 में प्राची ने अपना साड़ी ब्रांड मूरा लॉन्च किया। वह साड़ियों को रंगने के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करती हैं। साड़ियों को राजस्थान के बगरू में हाथ से ब्लॉक प्रिंटिंग करने वाले कारीगर बनाते हैं।
परंपरा को जिंदा रखा
प्राची ने अपने साड़ी के कारोबार में स्थानीय परंपरा को जिंदा रखा है। इनका ब्रांड मूरा शहर की आधुनिक महिलाओं को ध्यान में रखकर उनके लिए सड़ियां बनाता है। लेकिन इसमें मशीनों का इस्तेमाल बहुत कम होता है। ये हस्तनिर्मित ब्लॉक प्रिंटेड साड़ियां बेचती हैं। इनमें प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। साड़ियां बनाने वाले ज्यादागर कारीगर महिलाएं हैं।
कहां से आया 'मूरा' नाम
प्राची बताती हैं कि उन्होंने मूरा नाम साल 2012 की आई बॉलीवुड मूवी गैंग्स ऑफ वासेपुर के 'मूरा' गाने से लिया है। वह बताती हैं कि मूरा शब्द 'मूड' से आया है। यह दक्षिण भारत में एक बहुत ही आम शब्द है। इसका मतलब है मूर्खता। वह कहती है कि मूरा साड़ियां पहनकर आप मूर्ख बन सकते हैं और आराम से बेवकूफी भरी चीजें कर सकते हैं।
फलों और पेय पदार्थों पर रखे नाम
जब मूरा ब्रांड ऑनलाइन लॉन्च किया था, तब गर्मी थी। प्राची बताती हैं इसलिए उन्होंने साड़ियों के नाम गर्मियों के फलों और पेय पदार्थों के नाम पर रखे थे। जैसे अल्फांसो साड़ी, रूह अफजा साड़ी, काला खट्टा साड़ी आदि। उन्होंने शुरुआत में 30 तरह की साड़ियां बनाईं। इनके नाम साड़ियों के रंगों से मिलते-जुलते थे। अनोखे नाम के कारण इसकी ब्रांड और साड़ियों को तेजी से पहचान मिली।
आज करोड़ों रुपये की कमाई
प्राची बताती है कि ब्रांड शुरू करने के पहले तीन महीनों में 100 ऑर्डर मिले थे। फिर नौ महीने बाद हर महीने 300 से ज्यादा ऑर्डर मिलने लगे। इसके पोर्टफोलिया में 150 से ज्यादा तरह की साड़ियां हैं। साल 2022 में इनका रेवेन्यू 15 लाख रुपये था। जून 2023 से औसतन हर महीने 10 लाख रुपये की कमाई होने लगी। ऐसे में वह साल में एक करोड़ रुपये से ज्यादा कमा रही हैं।
नई दिल्लीः सरकार ने साइबर सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी नियमों को अधिसूचित किया है। इनके तहत केंद्र सरकार अपनी किसी…
नई दिल्ली: प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए पहली बार नासिक से दिल्ली, लखनऊ, गुवाहाटी सहित देश के प्रमुख शहरों में ट्रेन से प्याज भेजने के साथ केंद्र सरकार…
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने नोटिस (समन) जारी किया है। इसमें दोनों को 21 दिनों के…
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के बंगाणा गांव के 23 वर्षीय अंकुश बरजाता ने कम उम्र में ही बिजनेस में बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। उन्होंने लाखों की…
नई दिल्ली: स्थानीय शेयर बाजार में गुरुवार को गिरावट आई थी। उद्योगपति गौतम अडानी पर रिश्वत देने और धोखाधड़ी के अमेरिका में आरोपों के बीच समूह की कंपनियों के शेयरों में…
नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच होने वाले ट्रेड वॉर से भारत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में यह भविष्यवाणी की गई है। रिपोर्ट में बताया…
नई दिल्ली: धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोपों में घिरे गौतम अडानी की नेटवर्थ को भी काफी नुकसान हुआ है। वह फोर्ब्स की रियल टाइम नेटवर्थ लिस्ट में नीचे आ गए…