विदेश मंत्री जयशंकर से रविवार को पूछा गया कि क्या भारत उपमहाद्वीप और हिंद महासागर क्षेत्र दादागीरी कर रहा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा- अगर भारत दादागीरी कर रहा होता तो वो पड़ोसी देशों को 37.30 हजार करोड़ रुपए की मदद नहीं देता। न ही कोरोना वैक्सीन देकर मदद करता।
जयशंकर से यह सवाल मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु के एक बयान का जिक्र करते हुए पूछा गया। दरअसल, भारत के साथ तनाव के बीच जनवरी 2024 में चीन के दौरे से लौटे मुइज्जु ने भारत का नाम लिए बिना कहा था- मालदीव एक छोटा और स्वतंत्र देश है। हमारे छोटे होने से आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।
जयशंकर ने कहा- हम हमेशा मदद करते हैं
नई दिल्ली में हुए अपनी बुक 'व्हाए भारत मैटर्स' (भारत क्यों मायने रखता है) के प्रमोशन कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा- हम हमेशा जरूरत के समय दूसरे देशों की मदद करते हैं। भारत हमेशा संकट के समय दूसरे देशों की मदद के लिए खड़ा रहता है। हम जंग वाले देशों तक राहत सामग्री, दवाएं, फर्टिलाइजर्स पहुंचाते हैं। इसके लिए दुनिया हमारी तारीफ भी करती है।
मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद से मालदीव-भारत के बीच तनाव बढ़ा
भारत अपने पड़ोसी देश मालदीव को डिफेंस समेत कई दूसरे क्षेत्र में लंबे समय से सहयोग करता रहा है। नवंबर 1988 में चुनी हुई राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम की सरकार को तख्तापलट से बचाने के लिए भारतीय सेना मालदीव घुसी थी। तब से दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध हैं। लेकिन नवंबर 2023 में मुइज्जु के सत्ता संभालने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया।
मुइज्जु ने चुनाव के दौरान इंडिया आउट का नारा दिया था। प्रेसिडेंट बनते ही भारतीय सैनिकों को निकाले के आदेश दिए। भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट खत्म करने की घोषणा की।इसके बाद मालदीव के दो मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद उनके और भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। इस मामले में मालदीव के 3 मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था।
मालदीव के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध
जयशंकर ने कहा- नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश और मालदीव में बीते कुछ सालों में ही भारत का निवेश तेजी से बढ़ा है। आज जिस तरह का व्यापार पड़ोसी देशों के साथ हो रहा है, वह अहम है। मैं इस लिस्ट से मालदीव को अलग नहीं कर रहा हूं। मालदीव के साथ भी अच्छे व्यापारिक संबंध हैं। इस मामले में मैं भूटान का नाम नहीं भूल सकता क्योंकि दोनों देशों के बीच बेहद गहरे और मजबूत संबंध हैं। हम एक दूसरे का सम्मान भी बहुत करते हैं।
पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टीविटी बढ़ी
जयशंकर ने पड़ोसी देशों के साथ भारत के रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा- हमारे रिश्ते पड़ोसी देशों के साथ बेहतर हो रहे हैं। ट्रेड के लिए हम बांग्लादेश के बंदरगाहों का इस्तेमाल कर रहे हैं। श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल को ही देख लीजिए। यहां बेहतर कनेक्टीविटी के लिए रोड, रेल्वे नेटवर्क बन गया है। ये 10 साल पहले नहीं था।