इजराइल में सोमवार को हिजबुल्लाह के मिसाइल हमले में एक भारतीय पटनीबिन मैक्सवेल की मौत हो गई थी। उसके पिता पैथरोस मैक्सवेल ने दावा किया है कि पटनीबिन को पहले से ही खतरे का आभास था, लेकिन उसे वहां से जाने नहीं दिया गया।
इंटरव्यू में पैथरोस ने कहा- सोमवार (4 मार्च) सुबह मेरी पटनीबिन से बात हुई थी। वो परेशान लग रहा था। पूछने पर उसने बताया कि वो जहां काम करता है, वो जगह अब सुरक्षित नहीं है। 2 हफ्ते पहले ही वहां हमला हुआ था।
पैथरोस ने आगे कहा- मैंने उसे वहां से दूर जाने की सलाह भी दी। उसने बताया कि उसके मालिक इसकी इजाजत नहीं दे रहे हैं। उसी दिन मेरे बड़े बेटे निविन ने मुझे शाम करीब 4:30 बजे फोन करके बताया कि पटनीबिन एक मिसाइल हमले में घायल हो गया है। फिर देर रात करीब 1 बजे उसकी मौत हो गई।
पटनीबिन की पत्नी 7 महीने की गर्भवती
पटनीबिन के पिता ने बताया कि सोमवार को उसने अपनी 7 महीने की गर्भवती पत्नी सियोना और 5 साल की बेटी आमिया से भी बात की थी। पैथरोस के मुताबिक, पटनीबिन 2 महीने पहले ही एक खेत पर काम करने के लिए इजराइल गया था। वहां उसे अच्छे वेतन का ऑफर मिला था।
पटनीबिन हमेशा से एक गरीब परिवार में पला-बढ़ा है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो मस्कट चला गया था, जहां उसने एक आइस प्लांट में काम किया। इसके बाद वो दुबई की एक कंपनी में काम करने लगा। उसका बड़ा भाई निविन मैक्सवेल पहले से ही इजराइल में काम करता है। उसकी मदद से उसे इजराइल में 5 साल का एग्रीकल्चरल वीजा मिल गया।
पिता बोले- जंग से विदेशी नागरिकों को दूर रखें
पैथरोस ने बताया- पटनीबिन का शव फिलहाल इजराइल के सीव अस्पताल में है। उसे बुधवार को तेल अवीव भेजा जाएगा। इसके बाद अगले 4 दिन में शव को भारत लाया जा सकेगा। पैथरोस ने आगे कहा- इजराइल और उसके दुश्मनों को वहां रह रहे विदेशी नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए। उन्हें जंग से दूर तुरंत किसी सुरक्षित स्थान पर रखा जाना चाहिए।
सोमवार को इजराइल के उत्तरी क्षेत्र गैलीली में हुए मिलाइल हमले में 2 भारतीय घायल भी हुए थे। इसके बाद भारतीय ऐंबैसी ने एडवाइजरी जारी की थी। इसमें दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को बॉर्डर से दूर और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी शेयर किया था।
दिसंबर में इजराइल में काम करने गए 800 भारतीय
7 अक्टूबर को इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद इजराइल ने वहां काम कर रहे फिलिस्तीनियों का वर्क परमिट खारिज कर दिया। इजराइल की कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में उस वक्त करीब 80 हजार फिलिस्तीनी लेबर काम करती थी। उनके जाने के बाद इजराइल में लेबर की कमी होने लगी।
इसका सीधा असर इजराइल की GDP पर पड़ने का खतरा मंडराने लगा। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के वित्त मंत्रालय ने आशंका जताई थी कि कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री का काम ठप होने के चलते इजराइल की GDP में 3% की गिरावट आ सकती है।
इसके बाद नवंबर 2023 में इजराइल ने कंस्ट्रक्शन और एग्रीकल्चर इंडस्ट्री में वीजा देना शुरू कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिसंबर में करीब 800 भारतीय नौकरी के लिए इजराइल पहुंचे थे। इनमें से ज्यादातर केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के थे।
दरअसल, मई 2023 में इजराइल और भारत के बीच लेबर फोर्स को लेकर एक समझौता हुआ था। इसके तहत 42 हजार भारतीय कामगार इजराइल में काम करने जाने वाले थे। दिसंबर में जंग को लेकर इजराइली PM नेतन्याहू ने PM मोदी से फोन पर बात की थी। इजराइली PM ने दावा किया था कि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच भारतीय लेबर को इजराइल भेजने के एग्रीमेंट में तेजी लाने पर सहमति बनी थी।
इजराइल का दावा- अब तक 229 हिजबुल्लाह लड़ाकों की मौत
जंग के बीच इजराइल-हिजबुल्लाह में झड़पों में अब तक 7 आम नागरिकों और 10 इजराइली सैनिकों की मौत हो गई है। वहीं IDF ने दावा किया है कि उन्होंने अब तक हिजबुल्लाह के 229 लड़ाकों को मार गिराया है। इनमें से ज्यादातर लेबनान में और कुछ सीरिया में भी मारे गए हैं।
दिसंबर में गाजा में हमास के खिलाफ जंग लड़ रहे एक भारतीय मूल के इजराइली सैनिक गिल डैनियल्स की मौत हो गई थी। महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाला 34 साल का गिल 10 अक्टूबर से जंग में शामिल था। मौत से एक महीने पहले ही उसकी सगाई हुई थी। नवंबर में भी 20 साल के भारतीय मूल के इजराइली सैनिक हालेल सोलोमॉन की मौत हुई थी।