अमेरिका के मिसौरी प्रांत में पश्चिम बंगाल के भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी डांसर अमरनाथ घोष की गोली मारकर हत्या कर दी गई। टेलीविजन अभिनेत्री देवोलीना भट्टाचार्जी ने शुक्रवार को घोष की हत्या की जानकारी दी।
अमरनाथ 27 फरवरी को सेंट लुइस अकादमी के पास शाम के समय टहलने निकले थे, तभी उन्हें हमलावरों ने कई गोलियां मारीं। भट्टाचार्जी ने 1 मार्च को सोशल मीडिया पर घटना की जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका में भारतीय दूतावास से इस मामले की जांच की मांग की है।
घोष के माता-पिता नहीं थे
भट्टाचार्जी ने X पर जानकारी देते हुए कहा- घोष पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रहते थे। वो सेंट लुइस स्थित वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में पढ़ने गए थे। यहां फाइन आर्ट्स में मास्टर्स कर रहे थे। उनके माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी।
भारतीय दूतावास ने कहा- मिसौरी के सेंट लुइस में मारे गए अमरनाथ घोष के परिवार और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदना। हम फोरेंसिक टीम और पुलिस की जांच में मदद कर रहे हैं।
अलबामा राज्य में सिख की हत्या
24 फरवरी को अमेरिका के अलबामा राज्य में एक सिख व्यक्ति की हत्या कर दी गई। राज सिंह (गोल्डी) को गुरुद्वारे के बाहर गोली मारी गई। वो उत्तर प्रदेश के बिजनौर का रहने वाला था।
हमलावरों और हत्या के मोटिव के बारे में जानकारी नहीं लग सकी है।
परिजनों का कहना है कि ये हेट क्राइम का मामला हो सकता है। राज सिंह डेढ़ साल पहले ही अमेरिका गया था। वो म्यूजिशियन था और अपने म्यूजिकल ग्रुप के साथ ही रह रहा था।
76 साल के भारतीय की हत्या
15 फरवरी को अलबामा में एक ग्राहक ने भारतीय मूल के होटल मालिक की गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों के बीच एक कमरे को लेकर हुए विवाद हुआ था।
पुलिस ने कहा था- शेफील्ड में हिलक्रेस्ट होटल के मालिक प्रवीण रावजीभाई पटेल (76) की हत्या आरोप में 34 साल के विलियम जेरेमी मूर को गिरफ्तार किया गया। मूर कमरा किराए पर लेने होटल आया था और इसी दौरान उसका पटेल से विवाद हो गया। इसके बाद मूर ने पटेल को गोली मार दी।
भारतीयों पर हमले, अमेरिका बोला- ये स्वीकार नहीं
अमेरिका में भारतीयों की मौत की घटनाएं बढ़ गई हैं। इन हमलों पर व्हाइट हाउस ने कहा कि नस्ल, लिंग या किसी भी आधार पर हिंसा अमेरिका में अस्वीकार्य है। व्हाइट हाउस में अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के स्पोक्स पर्सन जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनका प्रशासन इन हमलों को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है।