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कतर से कैसे होगी 8 पूर्व नौसैनिकों की रिहाई, भारत सरकार ने तेज की कोशिशें, कतरी शेख की माफी पर टिकीं नजरें!

Updated on 01-11-2023 01:58 PM
दोहा: भारत सरकार कतर में मौत की सजा पाए आठ रिटायर्ड भारतीय नौसैनिकों की सुर‍क्षित रिहाई सुनिश्चित करने में जुट गई है। कतर में एक कोर्ट की तरफ से इन्‍हें एक मामले में पिछले हफ्ते मौत की सजा सुनाई गई थी। जिन विकल्‍पों पर भारत सरकार गौर कर रही है, उनमें कतर के अमीर की तरफ से माफी की संभावना भी शामिल है। भारत सरकार की तरफ से रिहाई के लिए राजनयिक कोशिशों को तेज कर दिया गया है। सूत्रों की मानें तो भारत कतर में कई वार्ताकारों के साथ विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के लिए राजनयिक प्रयासों में तेजी ला रहा है।

फांसी देने में कतर का रिकॉर्ड
संयोग से, कतर खाड़ी का वह देश है जिसके अपनी जेल में बंद लोगों को फांसी देने का कोई व्यापक रिकॉर्ड नहीं है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार देश ने साल 2020 में एक दोषी नेपाली प्रवासी कार्यकर्ता को फांसी दी थी। फांसी की वह घटना भी 20 साल के बाद हुई थी। कतर की तरफ से एक बार कहा गया था कि मौत की सजा आजीवन कारावास के बराबर है। भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मी एक निजी कंपनी अल दहरा में काम कर रहे थे, जिसे बाद में बंद कर दिया गया। उन पर लगे आरोपों को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया।

भारत सरकार ने दिया भरोसा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को आठ आरोपियों के परिवारों से मुलाकात की थी। जयशंकर ने परिवार वालों को आश्वासन दिया है भारत सरकार उनकी रिहाई के लिए सभी प्रयास करेगी। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार ने सोमवार को कहा कि भारत आठ नौसेना वेटरंस की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। कतर में भारतीय प्रवासी द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अनुमान है कि खाड़ी देश में लगभग 700,000 भारतीय हैं।

क्‍या कतरी शेख करेंगे माफ!

भारतीय कूटनीति के जानकार ब्रह्म चेलानी ने ट्विटर पर लिखा है कि भारतीय कूटनीति कतर को आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों के खिलाफ मामला वापस लेने या उन्हें जमानत देने के लिए मनाने में असमर्थ रही है। अब जबकि एक कोर्ट की तरफ से इन्‍हें मौत की सजा दी जा चुकी है तो इन आठों रिटायर्ड अधिकारियों के पास अपील कोर्ट में जाने का विकल्‍प बचा है। अगर वो इसमें भी असफल होते हैं तो सुप्रीम कोर्ट यानी कैसेशन कोर्ट का रुख कर सकते हैं। उन्‍होंने आगे लिखा है कि मामले की राजनीतिक प्रकृति को देखते हुए, इन आठों नौसैनिकों की किस्‍मत अब कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के हाथों में है। शेख थानी के पास किसी भी कैदी को माफ करने या सजा कम करने की शक्ति है। हर साल वह रमजान और 18 दिसंबर को कतर के राष्‍ट्रीय दिवस के मौके पर कई कैदियों को माफ करते हैं।


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