नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) के नए नियमों के तहत अब मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन और एमआरआई जांच का संचालन अस्पताल प्रबंधन को ही करना होगा। इसी के तहत गांधी मेडिकल कॉलेज से जुड़े हमीदिया अस्पताल में भी यह सुविधा जल्द शुरू होने जा रही है।
अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। ब्लॉक वन में 6 करोड़ की सीटी स्कैन मशीन का इंस्टॉलेशन शुरू हो चुका है, जबकि 12 करोड़ की एमआरआई मशीन अगले सात दिनों में आ जाएगी।
वर्तमान में यह दोनों जांच की सुविधा प्राइवेट पार्टनर शिप मोड पर पुराने भवन में संचालित की जा रही हैं। जिसके कारण लोगों को जांच के लिए 700 मीटर तेज धूप में चलकर, स्ट्रेचर से या व्हील चेयर से जाना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, अप्रैल माह से इन दोनों जांचों का संचालन पूरी तरह से अस्पताल के प्रबंधन द्वारा किया जाएगा।
मरीजों को होगी सहूलियत, बचेगा अतिरिक्त सफर अस्पताल प्रशासन मरीजों की सुविधा के लिए इमरजेंसी विभाग के पीछे ही इन दोनों मशीनों को स्थापित कर रहा है, ताकि इमरजेंसी में आने वाले ज्यादा से ज्यादा मरीजों की तुरंत जांच हो सके।
वर्तमान में यह सुविधाएं प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर पुराने भवन में संचालित की जा रही हैं, जिससे मरीजों को 700 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। गर्मी में तेज धूप में चलकर जाना, स्ट्रेचर या व्हीलचेयर से मरीजों को लाना-ले जाना मुश्किल भरा होता है। अब नई व्यवस्था से यह समस्या खत्म हो जाएगी।
किडनी ट्रांसप्लांट की मंजूरी मिली हमीदिया अस्पताल में अब तक कुल 7 किडनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं। हालांकि, बीते कुछ समय से आठवें ट्रांसप्लांट की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से यह रुका हुआ था। अब अस्पताल प्रबंधन ने पुष्टि की है कि किडनी ट्रांसप्लांट की परमिशन का रिन्युअल हो चुका है और जल्द ही अगला ट्रांसप्लांट किया जाएगा।