नई दिल्ली । मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला हुआ है। आरबीआई गवर्नर शक्ति कांत दास ने बैठक के बाद बुधवार को बताया कि रेपो रेट 6.5 फीसदी बना रहेगा।
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने का मतलब है कि आम आदमी पर ईएमआई का बोझ नहीं बढ़ेगा। हालांकि ईएमआई में किसी तरह की राहत भी नहीं मिली है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्रमुख ब्याज दर अपरिवर्तित रखने के साथ ही अर्थव्यवस्था में मंदी के शुरुआती संकेतों के बीच अपने नीतिगत रुख को 'तटस्थ' कर दिया, जिससे दर में कटौती का रास्ता खुल गया है।
शक्तिकांत दास की घोषणा छह सदस्यीय आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक के बाद आई है जो बुधवार को समाप्त हुई।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने लंबे समय से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट में आखिरी बार फरवरी 2023 में बदलाव किया गया था, तब से यह 6.50 फीसदी पर स्थिर है।
आम जनता के होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन और दूसरे कर्ज की ब्याज कर रेपो रेट के हिसाब से ही तय होती है। यदि आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है, तो बैंक भी ईएमआई बढ़ा देते हैंं।