Select Date:

इकॉनमी, ट्रेड, तेल, नौकरी, मार्केट... इजरायल-ईरान महासंग्राम से भारत पर क्या असर होगा?

Updated on 03-10-2024 02:27 PM
नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ रहे तनाव का असर पूरी दुनिया पर दिखने लगा है। कच्चे तेल की कीमत में पिछले दो दिन में काफी उछाल आई है जबकि शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है। बीएसई सेंसेक्स आज कारोबार के दौरान 1,600 अंक से अधिक गिर गया जबकि निफ्टी में भी 500 अंक से ज्यादा गिरावट रही। जानकारों का कहना है कि अगर ईरान और इजरायल के बीच युद्ध होता है तो इसका भारत समेत पूरी दुनिया पर व्यापक असर हो सकता है। खासकर भारत के लिए इसके व्यापक मायने हो सकते हैं। मसलन खाड़ी देशों के साथ व्यापार प्रभावित हो सकता है, पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ सकती है, वहां काम कर रहे भारतीयों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं और देश की ग्रोथ पर असर हो सकता है।

भारत के लिए सबसे बड़ा मसला एनर्जी सिक्योरिटी का है। देश अपना 85 फीसदी तेल आयात करता है। ईरान रोजाना करीब 30 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है। दुनिया की 20% और भारत की 60% ऑयल सप्लाई होरमूज की खाड़ी से होती है। वहां संघर्ष बढ़ता है तो कच्चे तेल की कीमत 80 बैरल प्रति डॉलर तक पहुंच सकती है। इससे भारत के व्यापार घाटा, चालू खाते का घाटा और राजकोषीय घाटा प्रभावित हो सकता है। निगेटिव सेंटीमेंट से भारतीय शेयर बाजारों पर असर दिखने लगा है। ईरान-इजरायल युद्ध से ग्लोबल जीडीपी और ट्रेड ग्रोथ पर असर हो सकता है जो भारत के लिए अच्छी स्थिति नहीं होगी।

एक्सपोर्ट पर असर


जानकारों का कहना है कि अगर ईरान के बंदरगाहों पर हमला होता है तो इसका विश्व व्यापार पर व्यापक असर होगा। ईरान फारस की खाड़ी, ओमान की खाड़ी और कैस्पियन सागर के स्थित है। इस संघर्ष से भारत का एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट प्रभावित हो सकता है। भारत सऊदी अरब और इराक से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात करता है। लाल सागर में जहाजों पर हूतियों के हमले के कारण पहले ही फ्रेट कॉस्ट में काफी तेजी आई है। इससे भारतीय एक्सपोर्टर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भारत के तेल आयात में पश्चिम एशिया की हिस्सेदारी 23 फीसदी है। ईरान अपने कच्चे तेल का 90 फीसदी हिस्सा चीन को देता है। पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण कई देश ईरान से तेल नहीं खरीदते हैं।

ईरान और इजरायल का संघर्ष लंबे समय तक रहता है तो इसका असर भारत में रोजगार के मोर्चे पर भी देखने को मिल सकता है। बड़ी संख्या में भारत के लोग पश्चिम एशियाई देशों में नौकरी के लिए जाते हैं। इतना ही नहीं उन देशों में काम कर रहे भारतीय स्वदेश लौट सकते हैं जिससे दूसरी तरह की समस्या हो सकती है। भारतीय कामगार इन देशों में अलग परिस्थितियों में रहते हैं और सालाना सात लाख रुपये तक बचाते हैं। लेकिन भारत में यह संभव नहीं है।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 23 November 2024
नई दिल्लीः सरकार ने साइबर सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी नियमों को अधिसूचित किया है। इनके तहत केंद्र सरकार अपनी किसी…
 23 November 2024
नई दिल्ली: प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए पहली बार नासिक से दिल्ली, लखनऊ, गुवाहाटी सहित देश के प्रमुख शहरों में ट्रेन से प्याज भेजने के साथ केंद्र सरकार…
 23 November 2024
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) ने नोटिस (समन) जारी किया है। इसमें दोनों को 21 दिनों के…
 23 November 2024
नई दिल्ली: कोहरे का मौसम आने ही वाला है। ऐसे में ट्रेन तो घंटों लेट चलती ही है, फ्लाइट भी डिले (Delayed Flight) हो जाती है। अक्सर देखा जाता है…
 22 November 2024
नई दिल्‍ली: रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ गया है। इसने सोने की मांग को हवा दी है। दिल्ली सराफा बाजार में गुरुवार को सोने की कीमतों में बंपर तेजी…
 22 November 2024
नई दिल्‍ली: हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के बंगाणा गांव के 23 वर्षीय अंकुश बरजाता ने कम उम्र में ही बिजनेस में बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। उन्होंने लाखों की…
 22 November 2024
नई दिल्‍ली: स्थानीय शेयर बाजार में गुरुवार को गिरावट आई थी। उद्योगपति गौतम अडानी पर रिश्वत देने और धोखाधड़ी के अमेरिका में आरोपों के बीच समूह की कंपनियों के शेयरों में…
 22 November 2024
नई दिल्‍ली: अमेरिका और चीन के बीच होने वाले ट्रेड वॉर से भारत पर ज्‍यादा असर नहीं पड़ेगा। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में यह भविष्‍यवाणी की गई है। रिपोर्ट में बताया…
 22 November 2024
नई दिल्ली: धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोपों में घिरे गौतम अडानी की नेटवर्थ को भी काफी नुकसान हुआ है। वह फोर्ब्स की रियल टाइम नेटवर्थ लिस्ट में नीचे आ गए…
Advertisement