सरकार की ओर से नरेंद्र शिवाजी पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए जा चुके हैं, जिसमें दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। मुखबिर की सूचना के आधार पर कार्रवाई हुई। आत्मसमर्पण के लिए कहा गया था लेकिन फायरिंग की गई।
आत्मरक्षा के लिए हाकफोर्स के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की। इसमें मंडला जिले के थाना खटिया क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम नारंगी लसेरी टोला के हीरन परते की मौत हुई। सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी की है।
कांग्रेस पक्ष की ओर से पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की मांग रखी। इस पर सदन में घोषणा की गई थी जांच में यदि नक्सली कनेक्शन नहीं पाया जाता है, तो परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक करोड रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
इस घोषणा के बाद भी कांग्रेस के सभी विधायक आसंदी के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे और फिर कुछ देर बाद बहिर्गमन कर दिया। इधर भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने बिजली विभाग के अधिकारियों पर करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगाया। ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने सदन में कहा कि उच्च स्तरीय जांच कराएंगे और संबंधित अधिकारी को 31 मार्च के बाद हटा दिया जाएगा।