छिंदवाड़ा जिले के परासिया विधानसभा क्षेत्र की दस कोल माइंस की हजारों एकड़ जमीन को लेकर विधानसभा में लाए गए संकल्प के दौरान तब असमंजस की स्थिति बन गई। जब कांग्रेस विधायक के प्रस्ताव पर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि चूंकि यह जमीन लीज पर वर्ष 2030 तक के लिए वेस्टर्न कोल फील्ड इंडिया लिमिटेड को आवंटित है, इसलिए भारत सरकार की सहमति के बिना इसे वापस नहीं लिया जा सकता।
ऐसे में राजस्व मंत्री को कांग्रेस विधायक से बार-बार आग्रह करना पड़ा कि वे अपना अशासकीय संकल्प वापस ले लें। आधे घंटे की समझाईश के बाद विधायक सोहन लाल बाल्मीक ने अपना संकल्प वापस ले लिया और कहा कि इसको लेकर राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार को पत्र लिखा जाना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस विधायक सोहनलाल बाल्मीक के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
शुक्रवार रात में सदन में उठा मामला
शुक्रवार को यह मामला रात नौ बजे के बाद तब उठा जब सदन में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने अशासकीय संकल्पों पर चर्चा शुरू कराई। इस दौरान कांग्रेस के परासिया से विधायक सोहन लाल बाल्मीक ने संकल्प पेश करते हुए कहा कि वेस्टर्न कोल फील्ड को दी गई जमीन की लीज निरस्त की जाए और उसका उपयोग लोकहित में किया जाए। इस पर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि वेस्टर्न कोल्डफील्ड लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड की सहयोगी इकाई है जो कि भारत सरकार के अधीन है। ऐसी स्थिति में कोयले की लीज़ पर आवंटित भूमि के संबंध में कोई भी निर्णय भारत सरकार के बिना राज्य सरकार नहीं ले सकती है। उनकी वर्ष 2030 तक की लीज़ है। सरकार उस जमीन को नहीं दे सकती। मंत्री ने सदन में कहा कि वे विधायक से निवेदन करते हैं कि यह संकल्प वापस ले लें।
बाल्मीक बोले, खदानें बंद
कांग्रेस विधायक बाल्मीक ने कहा कि वर्ष 1972-73 से पहले कोयला खदानें प्राइवेट में चलती थीं और निजी क्षेत्र के मालिक इन कोयला खदानों को चलाते थे। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने वर्ष 1972-73 में कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया। उसमें फिर पब्लिक सेक्टर में कोल इण्डिया ने इन सारी खदानों को अपने कब्जे में लेकर चलाना चालू किया। बाल्मीक ने कहा कि उनके विधान सभा क्षेत्र में जो कोयला खदानें हैं, बहुत पुरानी थीं और वे खदानें आज बंद हो गई हैं। जहां कोयला खदानें थीं वहां अण्डर ग्राउंड माइन थी और कोल प्रॉपर्टी थी। कोल प्रॉपर्टी समाप्त होने के बाद कोल इण्डिया ने क्लोजर का नोटिस जारी करके उनको बंद कर दिया।