मध्यप्रदेश में हाल ही में हुई ओलावृष्टि से 400 से ज्यादा गांवों में फसलों को नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तुरंत सर्वे करने और किसानों को राहत राशि देने के निर्देश दिए है।
सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में यह भी तय हुआ कि प्रदेश में चार जगह बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र (सोलर प्लांट) लगाए जाएंगे। इससे नगर निगमों और नगर पालिकाओं का बिजली खर्च कम होगा। साथ ही, जल आपूर्ति योजनाओं के लिए भी सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे पानी सप्लाई आसान और सस्ती होगी।
इसके अलावा, गर्मी में पानी की कमी न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को तैयारी करने को कहा है। सिर्फ लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
उज्जैन को बनाया जाएगा काल गणना का प्रमुख केंद्र
कैबिनेट में यह भी निर्णय लिया गया कि उज्जैन को काल गणना का प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा, क्योंकि यहां गणितीय सटीकता उच्च स्तर की मानी जाती है।
मोहन कैबिनेट के लिए गए प्रमुख फैसले
प्रदेश में चार बड़े बड़े सोलर प्लांट लगाए जाएंगे
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि, प्रदेश के चार स्थानों पर बड़े सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। विजयवर्गीय ने बताया कि, प्रदेश सरकार नगर निगमों और नगर पालिकाओं में सबसे अधिक खर्च वेतन, पेयजल और बिजली पर होता है, इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि चार बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएं, जिससे निकायों का बिजली व्यय कम हो।
साथ ही, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समूह जल योजनाओं के लिए भी सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे जल आपूर्ति को सुचारू और किफायती बनाया जा सके।
गुड़ी पड़वा पर कार्यक्रमों में शामिल होंगे मंत्री-विधायक
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि गुड़ी पड़वा के अवसर पर सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर इस पर्व को मनाने में सहयोग करें। अलग-अलग जिलों में यह पर्व अलग- अलग तरीकों से मनाया जाता है, इसलिए स्थानीय परंपराओं के अनुसार नववर्ष समारोह आयोजित किए जाएंगे। इस दिन अधिक से अधिक लोगों को गुड़, धनिया और नीम की पत्तियां खाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वे स्वस्थ रह सकें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विमोचित पुस्तिका "भारत का नव वर्ष विक्रम संवत" के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस पुस्तिका में विक्रम संवत, काल गणना की पद्धति, प्राचीन यंत्रों, वैदिक घड़ी आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के प्रभाव दिखने लगे
मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की सफलता के परिणाम अब दिखने लगे हैं। इसके तहत सभी प्रमुख सचिव साप्ताहिक समीक्षा कर रहे हैं, मुख्य सचिव महीने में एक बार और मुख्यमंत्री स्वयं हर दो महीने में इसका रिव्यू करेंगे।
सीएम ने कहा कि निवेश प्रस्तावों को धरातल पर मूर्त रूप देने के लिए काम जारी हैं। इसी क्रम में 21 मार्च को ग्वालियर क्षेत्र में 18 औद्योगिक इकाइयों का भूमि पूजन किया गया, जिनमें 11 इकाइयां मुरैना, 7 ग्वालियर और 1 इकाई भिंड में स्थापित की जा रही है।
यह सिलसिला जारी है और इसी क्रम में कल उज्जैन संभाग के तहत उज्जैन की 13 इकाइयों और संभाग के अन्य स्थानों की 12 इकाइयों, यानी कुल 25 इकाइयों का भूमि पूजन किया जाएगा। यह प्रक्रिया संभागवार निरंतर जारी रहेगी।
इसके अलावा, कैबिनेट ने खजुराहो में ओबेरॉय ग्रुप को वैलनेस सेंटर स्थापित करने के लिए 19 एकड़ भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
ओंकारेश्वर वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी बनाई जा रही
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में प्रदेश में दो अभयारण्यों को मूर्त रूप देने के बाद अब सरकार वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
इसके तहत ओंकारेश्वर में 614 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में प्रदेश की 26वीं वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी विकसित की जा रही है। इस क्षेत्र की विशेषता यह है कि इसमें कोई गांव या बसाहट नहीं है। भविष्य में इसे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाएगा।
विक्रम महोत्सव के तहत होगा आयोजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि विक्रम महोत्सव के तहत नई दिल्ली में 12, 13 और 14 अप्रैल को विशेष आयोजन होने जा रहे हैं, जिनमें सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित महानाट्य की प्रस्तुति भी शामिल होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सम्राट विक्रमादित्य के व्यक्तित्व और उनकी शासन व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित यह महानाट्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में भी प्रस्तुत किया जाएगा।
इसके साथ ही, सेक्टर-वार आयोजित होने वाली इन्वेस्टर समिट और अन्य बड़े आयोजनों के अवसर पर भी सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित महानाट्य की प्रस्तुति की जाएगी।