चीन ने साल 2024 के लिए अपने रक्षा बजट को 7.2% बढ़ा दिया है। इसे अब 19.61 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। ये भारत के रक्षा बजट से तीन गुना ज्यादा है। भारत का रक्षा बजट 6.21 लाख करोड़ रुपए है। हालांकि चीनी सेना का बजट अब भी अमेरिका के बजट से 54 लाख करोड़ रुपए कम है। अमेरिका का रक्षा बजट लगभग 73 लाख करोड़ रुपए है।
चीन ने रक्षा बजट ऐसे समय पर बढ़ाया है जब उसकी अर्थव्यवस्था काफी बुरे दौर से गुजर रही है। 2024 के लिए चीन का रक्षा खर्च पांच साल में सबसे ज्यादा है। चीन ने इस साल के लिए आर्थिक विकास का लक्ष्य 5% सेट किया है।
मंगलवार को संसद में बजट से जुड़ी रिपोर्ट साझा करते हुए चीन ने ताइवान को लेकर भी सख्त रुख अपनाया। उसने ताइवान के लिए शांतिपूर्ण एकीकरण (ताइवान को चीन में मिलाने) शब्द को हटा दिया है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल के दौरान रक्षा खर्च में भारी बढ़ोतरी हुई है। यह साल 2013 में 8.45 लाख करोड़ था, जो अब 19.61 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। इसके साथ ही यह लगातार 30वां साल है, जब चीन ने अपने डिफेंस बजट को बढ़ाया है।
जिनपिंग ने साल 2027 तक चीन की सेना को वर्ल्ड-क्लास बनाने का टारगेट रखा
रिसर्च रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस बार के रक्षा बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा नए उपकरण पर खर्च होगा। जिनपिंग ने साल 2035 तक अपनी सेना को पूरी तरह से मॉर्डनाइज करने का लक्ष्य रखा है। वहीं चीनी सेना को 2027 तक वर्ल्ड-क्लास सेना बनाने का टारगेट भी सेट किया गया है।
इससे पहले साल 2023 में चीन ने ताइवान और साउथ चाइना सी पर अमेरिका से बढ़े विवादों के बीच अपने डिफेंस बजट में 4.2% की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद चीन डिफेंस बजट पर खर्च करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया था।
चीन ने कहा था- भारत हमारे हथियारों का मुकाबला नहीं कर सकता
अमेरिका और चीन के बाद भारत मिलिट्री पर खर्च करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक (SIPRI) भारत ने 2022 में अपनी सेना पर 76.6 बिलियन डॉलर यानी 6 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। जो 2020 के मुकाबले 0.9% और 2012 के मुकाबले 33% ज्यादा है। 2023 में भारत के रक्षा बजट में 69 करोड़ रुपए का इजाफा किया गया था।
इससे पहले जून 2023 में चीनी सेना के डिप्लोमैट्स ने कहा था कि भारत चीन को चुनौती नहीं दे सकता है। भारत ने अपनी सेना को मॉडर्नाइज नहीं किया है यानी समय के मुताबिक बेहतर नहीं बनाया है। अधिकारियों ने कहा था- चीन की डिफेंस इंडस्ट्री और मैन्यूफैक्चरिंग के मुकाबले में भारत अभी काफी पीछे है। हमारे जितना बेहतर बनने में उनको कई दशक लग जाएंगे।
चीनी अधिकारियों का सवाल- क्या भारत ने खुद कोई हथियार बनाया है?
चीनी सेना की एकेडमी ऑफ मिलिट्री साइंस के सीनियर कर्नल झाओ शियाओझुओ ने कहा था- आप भारतीय सेना के मिलिट्री सिस्टम को देखें तो उन्होंने शायद ही कोई टैंक, एयरक्राफ्ट या युद्धपोत खुद से बनाया है।
वहीं, एक दूसरे अधिकारी सीनियर कर्नल झांग ची ने कहा था- भारत ने सुपर पावर बनने के लिए अपनी सेना को मॉडर्नाइज करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन फिर भी इसका असर चीन-भारत के रिश्तों पर नहीं पड़ेगा।