Select Date:

एमपी के 5 लाख कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर:9 साल बाद प्रमोशन होंगे

Updated on 17-03-2025 02:05 PM

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 14 मार्च को विधानसभा में ये बयान दिया था। इसके साथ ही सीएम ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ होने वाला है। दरअसल, मध्यप्रदेश में पिछले 9 साल से कर्मचारी-अधिकारियों के प्रमोशन नहीं हुए हैं। इस दौरान 1 लाख से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो चुके हैं।

मंत्रालय सूत्र बताते हैं कि सरकार ने प्रमोशन के लिए तीन क्राइटेरिया तय किए हैं। ये भी तय किया है कि जो भी प्रमोशन होंगे, वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन रहेंगे। आखिर मप्र में क्यों बंद हो गए थे प्रमोशन? सरकार ने क्या रास्ता निकाला है? 

अब जानिए, किस वजह से प्रमोशन पर रोक लगी साल 2002 में तत्कालीन सरकार ने प्रमोशन के नियम बनाते हुए प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान कर दिया था। ऐसे में आरक्षित वर्ग के कर्मचारी प्रमोशन पाते गए, लेकिन अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी पिछड़ गए। जब इस मामले में विवाद बढ़ा तो कर्मचारी कोर्ट पहुंचे। उन्होंने कोर्ट से प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने का आग्रह किया।

कोर्ट को तर्क दिया कि प्रमोशन का फायदा सिर्फ एक बार मिलना चाहिए। इन तर्कों के आधार पर मप्र हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को मप्र लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 खारिज कर दिया। सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। शीर्ष कोर्ट ने यथास्थिति रखने का आदेश दिया। तभी से प्रमोशन पर रोक लगी है।

फैसले के बाद आए बयान का राजनीतिक असर पड़ा 12 जून 2016 को प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अनुसूचित जाति, जनजाति कर्मचारी-अधिकारी (अजाक्स) के सम्मेलन में पहुंचे थे। विधानसभा चुनाव को करीब ढाई साल का वक्त बचा था। इस सम्मेलन में शिवराज ने कहा था-

QuoteImage

मेरे होते हुए कोई भी माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। आरक्षण जारी रहेगा, प्रमोशन में भी मध्यप्रदेश सरकार आरक्षण देगी। संविदा भर्तियों में भी आरक्षण दिया जाएगा। डॉ. भीमराव अंबेडकर के आरक्षण की बदौलत ही मैं मुख्यमंत्री और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन सके हैं।

QuoteImage

शिवराज के इस बयान के बाद जातिगत की बजाय आर्थिक आरक्षण की वकालत कर रहा सवर्ण वर्ग नाराज हो गया। जगह-जगह आंदोलन हुए। ग्वालियर-चंबल अंचल में सबसे ज्यादा आंदोलन हुआ था। जब 2018 में विधानसभा चुनाव हुआ तो बीजेपी हार गई।

इस हार के पीछे राजनीतिक पंडितों ने कहीं न कहीं शिवराज के 'माई का लाल' वाले बयान को भी जिम्मेदार माना था। बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें ग्वालियर-चंबल में गंवाई ,जहां आंदोलन तेजी से फैला था।


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 17 March 2025
मप्र का पहला कंजर्वेशन रिजर्व बैतूल जिले में सतपुड़ा और मेलघाट टाइगर रिजर्व के बीच में स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले मप्र वन्य प्राणी संरक्षण बोर्ड ने इसकी…
 17 March 2025
मप्र में सहारा समूह की बहुमूल्य जमीनों की सस्ते दाम में खरीदने और भुगतान में अनियमितता का बड़ा खुलासा हुआ है। पहले भाजपा विधायक संजय पाठक के परिवार की कंपनियों…
 17 March 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत के दौरान मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की अपनी यात्रा को याद किया। उन्होंने बताया कि वहां उन्होंने करीब 80 से…
 17 March 2025
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 14 मार्च को विधानसभा में ये बयान दिया था। इसके साथ ही सीएम ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही कर्मचारियों के प्रमोशन…
 17 March 2025
भोपाल के निशातपुरा इलाके में 9 साल की मासूम से बैड टच का मामला सामने आया है। घटना शुक्रवार धुलेंडी के दिन की है। होली पर रंग-गुलाल चल रहा था,…
 17 March 2025
स्पेशल डीजी रेल और पूर्व मुख्य सचिव कृपाशंकर शर्मा के बेटे मनीष शंकर शर्मा का असमय निधन हो गया है। वे उपचार के लिए दिल्ली गए थे। वहीं उन्होंने अंतिम…
 17 March 2025
भोपाल के अशोका गार्डन इलाके में प्राइवेट जॉब करने वाली युवती के साथ रेप का मामला सामने आया है। आरोपी युवती का रिश्ते का भाई है। युवक ने युवती को…
 17 March 2025
भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बेटी के होली खेलने पर को लेकर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के बयान पर मध्यप्रदेश के खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कड़ा एतराज जताया है। सारंग…
 17 March 2025
भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से आ रही नमी के कारण प्रदेश में बादल छाने लगे हैं। कहीं-कहीं हल्की वर्षा भी हो रही है। इससे दिन के…
Advertisement