आर्थिक अनियमितताओं के आरोपों में घिरे 2014 बैच के आईएफएस अधिकारी अभिनव पल्लव को वन विभाग चार्जशीट जारी करने जा रहा है। पल्लव उत्तर बालाघाट वन मंडल में डीएफओ के पद पर पदस्थ हैं। उन पर लघु वनोपज संघ की राशि से आदिवासी अंचल में लगभग 3 करोड़ रुपए से कराए गए निर्माण, बोरवेल खनन जैसे कामों में नियम विरुद्ध तरीके से भुगतान, बिना टेंडर प्रक्रिया के एक ही ठेकेदार को लाभ पहुंचाने, कमीशन के लालच में एक साल तक भुगतान रोककर रखने और बाद में मंजूर राशि से अधिक भुगतान करने जैसे आरोप है।
इस मामले में मिली शिकायत की प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि हुई है। हाल ही में विधानसभा में बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे की ओर से पूछे गए सवाल के जबाव में वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने बताया कि जांच कराने के बाद आरोप सही पाए गए हैं। लघु वनोपज संघ के एमडी विभाष ठाकुर के मुताबिक जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोप पत्र बनाकर शासन को भेज दिया है। कार्रवाई का निर्णय शासन स्तर पर लंबित है। बालाघाट की लालटा वन सुरक्षा समिति अध्यक्ष शत्रुघ्न असाटी ने पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव से डीएफओ द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत की थी।
वन राज्य मंत्री ने बताया- जांच में आरोप सही पाए गए, ये अनियमितताएं की
आरोप -1 जून 2023 में 13 नलकूप खनन कार्य आदेश दिए गए थे। जिसमें से 7 नलकूप खनन कार्यों का 7.76 लाख रुपए का भुगतान एक वर्ष बाद 27 जून 2024 को किया गया है। जून 2024 में डीएफओ अभिनव पल्लव 18 से 28 जून तक मूल पदस्थापना के बजाए अतिरिक्त प्रभार पर थे। इसी अवधि में उन्होंने जून 2023 के एक साल पुराने कामों का भुगतान कर दिया।
आरोप-2 कैंपा फंड के मद से 2 नलकूप खनन के लिए निविदा निकाली। इसी दर से लघु वनोपज संघ में भी 7 और मिलाकर कुल 9 नलकूप खनन करा दिए। यह खनन एवन कंस्ट्रक्शन कंपनी से कराए। एक ही फर्म से बार-बार काम कराकर उसे अनैतिक लाभ पहुंचाया और कुल 16 नलकूप खनन एक ही ठेकेदार से करा डाले।
आरोप-3 जांच में पाया गया कि वर्ष 2020-21 में आंमत्रित निविदा को आपसी सहमति से अगले वित्तीय वर्ष तक नियम विरुद्ध बढ़ा दिया गया। वर्ष 2021-22 में बगैर निविदा के एवन कंस्ट्रक्शन कंपनी को पुरानी दर पर ही मार्च 2023 तक सामग्री प्रदान किए जाने का ठेका दिया गया। ठेकेदार से नियम विरुद्ध सामग्री भी खरीद ली गई।
आरोप-4 वर्ष 2022-23 में जेम पोर्टल में निविदा निकाली। लेकिन व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने की मंशा से डीएफओ ने अन्य निविदाकारों से ऐसे दस्तावेज मांगे जो कि तकनीकी रूप एवन कंस्ट्रक्शन कंपनी के अलावा किसी के पास नहीं थे। इसके बाद नई दर तय करने के बजाए पूर्व में प्रचलित दर पर पुरानी निविदा की अवधि में वृद्धि कर पुराने ठेकेदार फहीम खान को ही सप्लाई का ठेका दे दिया।
आरोप-5 वर्ष 2023-24 में जेम पोर्टल से 31 लाख का एक टेंडर निकाला, लेकिन टेंडर आवंटन के बाद वर्क ऑर्डर 1.88 करोड़ रुपए का जारी कर दिया। इसमें 1.315 करोड़ की निर्माण सामग्री और 56.37 लाख मजदूरी भी शामिल कर दी। जब सवाल उठे तो 18 निर्माण कार्यों की सामग्री बताने की कोशिश की जो गलत पाई गई।