भोपाल के सुभाष नगर फाटक पर शुक्रवार रात करीब 9 बजे एक हादसा हुआ, जिसमें 10 साल का बच्चा ट्रेन की चपेट में आ गया। इस दुर्घटना में उसका हाथ शरीर से अलग हो गया। घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद लोगों ने 108 एम्बुलेंस को बुलाने के लिए फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस को पहुंचने में एक घंटे से अधिक का समय लग गया, जिससे लोगों में आक्रोश देखने को मिला।
होली के दौरान भोपाल में 66 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि इससे एक दिन पहले, 13 मार्च को, शहर में 28 सड़क हादसे हुए थे। संभवतः इसी कारण 108 सेवा पर अधिक दबाव था।
लोगों का आरोप- कॉल वेटिंग पर डाल दी गई
प्रत्यक्षदर्शी अब्दुल ने बताया कि हादसा रात 9:10 बजे हुआ। उन्होंने और अन्य लोगों ने 108 एम्बुलेंस को कॉल किया, लेकिन कॉल वेटिंग पर डाल दी गई। वहीं, मौके पर मौजूद अरबाज ने कहा कि उन्होंने खुद 108 नंबर पर कॉल किया, लेकिन 15 मिनट तक लाइन पर ही रखा गया।
इस दौरान घायल युवक बार-बार आत्महत्या करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उसे रोकने की पूरी कोशिश की। एम्बुलेंस के देर से पहुंचने पर लोगों ने नाराजगी जताई।
घायल बच्चे की हालत गंभीर
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत घायल को हमीदिया अस्पताल पहुंचाया। घायल की पहचान 10 वर्षीय छोटू यादव के रूप में हुई है, जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि वह वहां क्या कर रहा था। बच्चे से बातचीत के बाद ही यह पता चल सकेगा कि वह रेलवे ट्रैक पर क्यों गया था।
देरी की वजह से उठे सवाल
भोपाल शहर में 108 एम्बुलेंस सर्विस का औसत रिस्पांस टाइम 18 मिनट का है, लेकिन इस घटना में एम्बुलेंस को आने में एक घंटे से अधिक का समय लगा। जानकारी के मुताबिक, एमपी नगर थाना क्षेत्र में आमतौर पर 24 घंटे 108 एम्बुलेंस मौजूद रहती है, लेकिन इस मामले में एम्बुलेंस हमीदिया अस्पताल से भेजी गई, जिससे अधिक समय लगा।
होली पर बढ़े हादसे, एक दिन में 135% इजाफा
इस साल भोपाल में होली सड़क हादसों के लिहाज से बेहद खतरनाक साबित हुई। 12 और 13 मार्च की तुलना में 14 मार्च को दुर्घटनाओं में 135% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक, 12 मार्च को भोपाल में 18 सड़क हादसे हुए थे, जबकि 13 मार्च को यह संख्या बढ़कर 28 हो गई, लेकिन होली के दिन, 14 मार्च को, दुर्घटनाओं की संख्या अचानक बढ़कर 66 पहुंच गई।
'कॉलर ने खुद काटा फोन, दूसरी बार मिलाते ही भेजी एंबुलेंस'
108 एंबुलेंस सेवा के सीनियर मैनेजर तरुण सिंह परिहार ने बताया कि आपके द्वारा बताए गए मामले की जांच की गई है। जांच में पाया गया कि कॉलर ने एक बार कॉल किया था, जिसे कॉल सेंटर अधिकारी ने वेटिंग पर रखा, ताकि नजदीकी एंबुलेंस भेजी जा सके। हालांकि, बातचीत के दौरान कॉलर ने खुद ही कॉल काट दिया। इसके बाद कॉल सेंटर ने दोबारा कॉल करने का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
दूसरी बार कॉल मिलाने पर तुरंत एंबुलेंस भेजी गई, जिसने समय पर पहुंचकर घायल को अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने बताया कि होली के दिन सड़क दुर्घटनाओं के मामले आम दिनों की तुलना में काफी अधिक थे, लेकिन 108 एंबुलेंस सेवा ने समय पर पहुंचकर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में सहायता की।