दिल्ली हाई कोर्ट का बनता है अधिकार
दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को स्थापित करने के लिए, यह तर्क दिया गया कि इतालवी कंपनी अपने उत्पादों को अपनी वेबसाइट और फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उल्लंघनकारी चिह्न के तहत बढ़ावा दे रही है। ये प्लेटफॉर्म भारत से सुलभ हैं। इसलिए इस पर रोक लगाया जाना चाहिए।
निषेधाज्ञा पारित
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा ने दलीलों को सुनने के बाद निषेधाज्ञा आदेश पारित किया। इसमें इतालवी फर्म को 'अमूल' के समान किसी भी चिह्न का उपयोग करने या उससे निपटने से रोक दिया गया। अदालत ने इतालवी फर्म को अपनी वेबसाइट से उत्पादों की सूची को तुरंत हटाने का भी निर्देश दिया और मेटा इंक को फेसबुक और इंस्टाग्राम खातों के यूआरएल को ब्लॉक/निलंबित/हटाने का आदेश दिया, जहां इतालवी कंपनी अपने उत्पादों का प्रचार कर रही थी।
कंपनी के लिए बड़ी राहत
जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'यह आदेश न केवल अमूल के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि ट्रेडमार्क अधिकारों की सीमा पार सुरक्षा के लिए एक मिसाल भी स्थापित करता है और विदेशी कंपनियों के लिए चेतावनी के रूप में कार्य करता है जो स्वदेशी ब्रांडों के ट्रेडमार्क का उल्लंघन करते हैं।'