नई दिल्ली। कोरोना वायरस के वैश्विक प्रकोप के बीच कच्चे तेल की सरप्लस सप्लाई बनी हुई है। इस वजह से कच्चा तेल सस्ता होता जा रहा है, लेकिन देशभर में 18 दिनों से ज्यादातर शहरों में पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी नहीं की गई है। लेकिन इन 18 दिनों में कुछ शहरों में वैट बढऩे की वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ गए हैं। कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में वैट के कारण फ्यूल के दाम में तेजी आई है। 1 अप्रैल से बीएस6 फ्यूल की शुरुआत पूरे देश में हो गई, और उसी दिन इन तीनों राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम में बड़ी बढ़त दर्ज की गई। कोलकाता में जहां पेट्रोल के दाम 1.01 रुपये बढ़ा और डीजल 1 रुपया महंगा हुआ। वहीं बेंगलुरु में पेट्रोल का दाम 1.58 रुपये बढ़कर 73.55 रुपये प्रति लीटर हो गया और डीजल का भाव 1.55 रुपये की बढ़त के साथ 65.96 रुपए। इसके अलावा, जयपुर में दाम 2.24 रुपये बढ़कर 75.59 रुपये हो गए और डीजल 2.15 रुपये महंगा होकर 69.28 रुपये लीटर के भाव बिक रहा है। यहां यह समझना जरूरी है कि दाम में बढ़ोतरी ऑइल मार्केटिंग कंपनियों ने नहीं की है। दाम बढऩे का कारण इन राज्यों के द्वारा पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाना है। अमूमन कच्चा तेल सस्ता होता है तो पेट्रोल-डीजल के भाव गिरते हैं, लेकिन कई दिनों से भारत में पेट्रोल और डीजल के भाव में स्थिरता दिखाई दे रही है। इक्का-दुक्का जगहों पर बदलाव के अलावा, 16 मार्च से भाव नहीं बदले हैं।