मुंबई । टाटा ग्रुप ने कहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से नौकरियां जाने और वेतन में कटौती के खतरे के वह देशभर में अपने ऑफिस और मैन्युफैक्चरिंग साइट्स पर काम करने वाले अस्थायी कर्मचारियों तथा दिहाड़ी मजदूरों को पूरा वेतन देगा। टाटा की कुछ कंपनियों जैसे टाटा प्रॉजेक्ट्स में भारी तादाद में अस्थायी कर्माचारी कंस्ट्रक्शन गतिविधियों से जुड़े हैं। कोरोना वायरस से पड़ने वाले असर को कम करने के लिए अन्य कंपनियां भी अपनी तरफ से थोड़ी-बहुत पहल कर रहे हैं। बजाज समूह के राजीव बजाज ने कहा है कि किसी कर्मचारी को काम पर निकालने की नौबत आने से पहले वह खुद अपनी सैलरी नहीं लेंगे। ऑनलाइन पेमेंट ऐप कंपनी पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा अपने ऑफिस के कर्मचारियों की मदद के लिए दो महीने की सैलरी नहीं लेंगे। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नियोक्ताओं से अपील की थी कि वे परीक्षा की इस घड़ी में लोगों के वेतन में कटौती नहीं करें। टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा है कि मौजूदा हालात का समाज के कमजोर सामाजिक-आर्थिक तबके के लोगों पर गहरा वित्तीय असर पड़ सकता है। संकट की इस घड़ी में हमारे ग्रुप की कंपनियां अस्थायी कर्मचारियों तथा दिहाड़ी कर्मचारियों को मार्च और अप्रैल महीने का पूरा वेतन देने के लिए कटिबद्ध है, भले ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से ये कर्मचारी काम पर नहीं आएं, साइट बंद हो, कंपनी बंद हो या कोई अन्य कारण हो। हाल में इंडिगो एयरलाइंस, गोएयर तथा एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों की सैलरी तथा अन्य सुविधाओं में कटौती की घोषणा की थी।