नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने प्याज कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए इसके निर्यात पर लगी पाबंदी को हटाने का फैसला किया है। कीमतों में सुधार और आपूर्ति बेहतर होने के साथ उसने सोमवार को कहा कि 15 मार्च से प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर कोई रोक नहीं होगी। इसके निर्यात पर करीब छह महीने से पाबंदी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) भी हटाने का फैसला किया है। डीजीएफटी ने एक अधिसूचना में कहा, ‘प्याज की सभी किस्मों का निर्यात 15 मार्च से मुक्त होगा। इसमें साख पत्र या न्यूनतम निर्यात मूल्य जैसी कोई शर्तें नहीं होंगी।’ महाराष्ट्र के नासिक जिले के कई हिस्सों में प्याज के घटते दाम को लेकर किसान विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं। अधिकारियों के अनुसार सोमवार को लासलगांव में प्याज का औसत मूल्य 1,450 रुपये प्रति क्विंटल रहा। लासलगांव देश का सबसे बड़ा प्याज बाजार है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस निर्णय से किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार ने पिछले सप्ताह करीब छह महीने से प्याज के निर्यात पर जारी पाबंदी को हटाने का निर्णय किया। इसका कारण रबी फसल अच्छी रहने से कीमतों में तीव्र गिरावट की आशंका है। सब्जी की कीमत में तीव्र वृद्धि को देखते हुए निर्यात पर पाबंदी लगाई गई थी। अब प्याज का दाम स्थिर हो गया है और फसल भी अच्छी होने की उम्मीद है। खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बीते बुधवार को ट्विटर पर लिखा था कि मार्च में फसल की आवक 40 लाख टन से अधिक रह सकती है जो पिछले साल 28.4 लाख टन थी। सरकार ने सितंबर 2019 में प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगाई थी और 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) भी लगाया था। आपूर्ति-मांग में अंतर के कारण प्याज की कीमत आसमान को छूने के बीच यह कदम उठाया गया था। देश में भारी बारिश तथा महाराष्ट्र समेत प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण खरीफ मौसम में प्याज की किल्लत हो गई थी। फिलहाल रबी फसल की आवक शुरू हो गया है और मार्च के मध्य से इसमें तेजी आने की उम्मीद है। प्याज के निर्यात से घरेलू कीमतों में तीव्र गिरावट को थामने में मदद मिलेगी।