भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस में अब भी 20 भारतीय नागरिक फंसे हैं और इन्हें निकालने की कोशिश जारी है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने गुरुवार को कहा- हमने पहले भी इस मामले में दो बयान जारी किए हैं। अपने देश के नागरिकों को हमारी यही सलाह है कि वो जंग के मैदान से दूर रहें।
विदेश मंत्रालय ने 25 फरवरी को कहा था- रूसी आर्मी में भर्ती किए गए कई भारतीयों को बचा लिया गया है। वहां की सेना ने इन्हें रिलीव कर दिया है। मंत्रालय का यह बयान जंग लड़ने यूक्रेन भेजे गए एक भारतीय की मौत के बाद आया था।
रूस से बातचीत जारी
जैसवाल ने कहा- भारत सरकार इस मसले पर रूस से बातचीत कर रही है। हमारी एंबैसी भी इस मामले को गंभीरता से देख रही है। कहा जा रहा है कि नौकरी के लिए रूस गए कई भारतीय इस वक्त यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। हैदराबाद के रहने वाले मोहम्मद सूफियान के बारे में कहा जाता है कि उन्हें कथित तौर पर जॉब के बहाने रूसी सेना के साथ यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने भेज दिया गया।
इसके बाद सूफियान के परिवार ने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय को इस बारे में जानकारी दी और उनकी सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई। परिवार ने ये भी कहा कि इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
जैसवाल ने इस मामले का सीधा जिक्र किए बगैर कहा- हमारी जानकारी के मुताबिक, रूस में इस वक्त 20 भारतीय फंसे हुए हैं। हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि इन लोगों को वापस लाया जाए। हमने इस बारे में ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी किए हैं, आपने देखे होंगे।
वहां हालात काफी खराब
प्रवक्ता ने आगे कहा- हमने भारतीय लोगों से कहा है कि जंग के मोर्चे पर हालात बेहद खराब हैं और लोगों को वहां नहीं जाना चाहिए। भारतीयों की हिफाजत और वापसी को लेकर नई दिल्ली और मॉस्को मिलकर काम कर रहे हैं।
जैसवाल ने आगे कहा- इस मामले में जो भी जानकारी हमारे पास आ रही है, हम उसे रूस की एंबैसी के साथ साझा कर रहे हैं। इसी पहल का नतीजा है कि अब तक कई भारतीय छुड़ाए जा चुके हैं। हमारे लिए यह मामला बहुत अहमियत रखता है।
इस नेटवर्क के पीछे कौन
द हिंदू की एक रिपोर्ट में रूसी रक्षा मंत्रालय के एक ऑफिसर के हवाले से दावा किया गया है कि बीते एक साल में लगभग 100 भारतीय रूस गए हैं। BBC की एक खबर के मुताबिक हाल-फिलहाल, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर से कुल 16 लोग रूस गए थे। रूस भेजने वाले इस नेटवर्क में दो एजेंट रूस के थे और दो भारत के।
यूट्यूब चैनल बाबा व्लॉग्स पर रूस से जुड़े कई वीडियोज हैं। इनमें रूस में रोजगार दिलाने का दावा किया गया है। इस चैनल को चलाने वाले का नाम है फैसल खान। खान के चैनल पर कई वीडियो हैं जिनमें बेहतर नौकरी के लिए रूस जैसे देशों में भेजने की प्रक्रिया और खर्च वगैरह बताया गया है। वीडियोज के डिस्क्रिप्शन में फैसल के अलावा पूजा और सूफियान नाम के व्यक्तियों के फोन नंबर्स दिए गए हैं।
फैसल खुद दुबई में रहता है। उसके अलावा राजस्थान का मोइन, तमिलनाडु का पलनीसामी रमेश कुमार भी इस नेटवर्क का हिस्सा हैं।
नौकरी का लालच
रूस में नौकरी लगवाने के एवज में एजेंट्स ने वादा किया था कि रूस में हर व्यक्ति को हर महीने एक लाख से लेकर डेढ़ लाख रुपए मिलेंगे। बाद में तनख्वाह और बढ़ेगी। ट्रेनिंग के दौरान सभी को 40 से 50 हजार रुपए भी दिए गए।
फैसल का कहना था कि आगे और पैसे मिलेंगे। फैसल ने स्वीकार किया है कि उसने शुरुआत में हर व्यक्ति से 3 लाख रुपए लिए, लेकिन उसमें से खुद सिर्फ 50 हजार रुपए रखे और बाकी रकम रूसी एजेंट्स को भेज दी।
फैसल खान के अलावा कुछ और एजेंट्स ने मिलकर कुल 35 लोगों को रूस भेजने का प्लान बनाया था। सबसे पहले, 9 नवंबर 2023 को तीन लोग चेन्नई से शारजाह भेजे गए। वहां से 12 नवंबर को इन्हें रूस की राजधानी मॉस्को ले जाया गया। फैसल खान के लोगों ने इसके बाद 6 और भारतीयों को, फिर कुछ दिन बाद 7 अन्य भारतीयों को रूस पहुंचाया।