गठबंधन सरकार बनने से पहले आपके लोन की EMI कम होगी या नहीं? कल चलेगा पता
Updated on
06-06-2024 01:25 PM
इकनॉमिस्ट प्रणब सेन ने कहा, ‘चुनाव परिणामों को देखते हुए, भले ही सरकार में वही लोग हों, क्या वे उसी रुख पर कायम रहेंगे, यह अगले कुछ दिनों में तय हो जाएगा। इसलिए अनिश्चितता का स्तर बहुत बढ़ गया है। आरबीआई को इसे ध्यान में रखना होगा।’ वहीं एसबीआई के सौम्य कांति घोष के अनुसार, ‘सरकार 5% से थोड़ा कम, संभवतः 4.9% से 5% के डेफिसिट के साथ काम कर सकती है। इंफ्लेशन अपने ग्लाइड पथ पर है और जल्दी 4% तक नहीं जाएगी। लेकिन यह वर्ष के अधिकांश समय में 4.5% के आसपास रहेगी। मौजूदा स्थिति, मौजूदा इंफ्लेशन की गति और मौजूदा ग्रोथ पाथ को देखते हुए आरबीआई ने 4.5% औसत इंफ्लेशन का पूर्वानुमान लगाया है, बाजार भी उस पूर्वानुमान के अनुरूप है।
अभी कितना है रेपो रेट
हालांकि मई महीने में हुए एक सर्वे में 72 में से 71 अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई थी कि MPC 5 से 7 जून तक अपनी बैठक के दौरान रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगी, इसे 6.50% पर बनाए रखेगी। इसके अतिरिक्त, इनमें से अधिकांश अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 6.50% की रेट वर्तमान अवधि में रेपो रेट का उच्चतम बिंदु है। फरवरी, 2023 से रेपो रेट 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है। अर्थव्यवस्था में तेजी के बीच माना जा रहा है कि एमपीसी ब्याज दरों में कटौती से बचेगी। केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था और तब से उसने लगातार सात बार इसे यथावत रखा है। एमपीसी में तीन बाहरी सदस्य और आरबीआई के तीन अधिकारी शामिल हैं। दर निर्धारण समिति के बाहरी सदस्य शशांक भिडे, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा हैं।
एसबीआई के एक शोध पत्र के अनुसार, केंद्रीय बैंक को उदार रुख को वापस लेने के अपने निर्णय पर बरकरार रहना चाहिए। ‘एमपीसी बैठक की प्रस्तावना’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में उम्मीद जतायी गई कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में रेपो रेट में कटौती करेगा और यह कटौती कम रहने की संभावना है। इसमें यह भी कहा गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई मई में पांच प्रतिशत के करीब रहने की उम्मीद है और उसके बाद जुलाई में घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगी। खुदरा महंगाई के आंकड़े इस महीने के अंत में आंकड़े जारी किए जाएंगे। इसमें कहा गया कि अक्टूबर से वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक महंगाई पांच प्रतिशत से नीचे रहने की उम्मीद है।
क्या कहते हैं जानकार
आरबीआई से उम्मीदों के बारे में हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखा है और 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर हासिल की है, जो 2022-23 में सात प्रतिशत थी। उन्होंने कहा, ‘इसके मद्देनजर यह उम्मीद की जाती है कि आरबीआई एमपीसी मौजूदा मुद्रास्फीति दबावों के बीच अपने वर्तमान नीतिगत रुख को बनाए रखेगी और इस वर्ष ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम ही नजर आ रही है।’
मनसुम सीनियर लिविंग के सह-संस्थापक अनंतराम वरयूर को भी उम्मीद है कि आगामी द्विमासिक नीति में केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर या तो यथावत रखी जाएगी या इसमें कटौती की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘हमें ऐसे उपायों की उम्मीद है, जो बाजार में नकदी की कमी को कम करेंगे और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाएंगे, जिसका रियल एस्टेट की बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।’ सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है। अरहास के सीईओ सौरभ राय ने कहा कि आरबीआई को भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, स्थिरता समाधान के वित्तपोषण और प्रोत्साहन की सुविधा के लिए मौद्रिक नीति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
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