वैष्णव ने संसद सदस्यों को यह भी बताया कि बेड रोल में कंबल के साथ दो चादरों की सप्लाई की जाती है। एक चादर बर्थ पर बिछाने के लिए होता है जबकि दूसरा चादर कंबल पर कवर के रूप में उपयोग के लिए। रेलवे के अधिकारी बताते हैं दूसरा चादर हमेशा कंबल से चिपका लेना चाहिए और चादर वाली तरफ से ओढ़ना चाहिए। ऐसा इसलिए ताकि दूसरे यात्रियों का उपयोग किया गया कंबल आपके शरीर से सीधे संपर्क में नहीं आए।
जवाब के मुताबिक वर्तमान निर्देशों के अनुसार भारतीय रेलवे में प्रयुक्त कंबल हल्के होते हैं। इन्हें धोना आसान होता है तथा ये यात्रियों को अच्छा इन्सुलेशन प्रदान करते हैं, जिससे यात्रा का अनुभव आरामदायक होता है। उनके जवाब में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए अन्य उपायों के बारे में भी बताया गया, जिनमें बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उन्नत बीआईएस विनिर्देशों के साथ नए लिनन सेटों की खरीद, स्वच्छ लिनन सेटों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मशीनीकृत लांड्रियां, लिनन की धुलाई के लिए मानक मशीनों और निर्दिष्ट रसायनों का उपयोग, तथा लिनन धुलाई गतिविधियों की निगरानी शामिल है।
रेल मंत्री वैष्णव के जवाब में कहा कि धुले हुए लिनेन की गुणवत्ता की जांच के लिए व्हाइटो-मीटर का उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि अब चादरों का जीवन काल (Service Life) कम कर दिया गया है। इससे जल्दी ही अब चादरों को चलन से बाहर कर दिया जाता है। इससे नई चादरों को तेजी से शामिल किया जा रहा है।