दो साल तक नहीं बढ़ाएंगे रेट... रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी किसे दे रहे हैं यह ऑफर?
Updated on
22-08-2024 02:22 PM
नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज्नी के मर्जर को अब तक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से हरी झंडी नहीं मिली है। सूत्रों का कहना है कि दोनों कंपनियां सीसीआई को एडवरटाइजिंग रेट में दो साल तक कोई बढ़ोतरी नहीं करने का प्रस्ताव देने पर विचार कर रही हैं। रिलायंस और डिज्नी ने फरवरी में स्टार इंडिया और वायकॉम18 के मर्जर की घोषणा की है। इस मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी देश की सबसे बड़ी मीडिया एंड एंटरटेनमेंट कंपनी होगी जिसकी वैल्यू करीब 8.5 अरब डॉलर होगी। लेकिन सीसीआई ने इस मर्जर को लेकर कई तरह की चिंताएं जताई हैं। इन्हीं चिंताओं को दूर करने के लिए रिलायंस और डिज्नी ने सीसीआई को यह ऑफर दिया है।
आरआईएल और डिज्नी इस मर्जर को अक्टूबर तक पूरा करना चाहती हैं। एक सूत्र ने कहा कि आंतरिक रूप से इस प्रस्ताव पर चर्चा की जा रही है कि सभी एडवरटाइजर्स और एजेंसियों के लिए दो साल तक एडवरटाइजिंग रेट नहीं बढ़ाया जाएगा। एक अन्य सूत्र कहा कि दोनों पक्षों को विश्वास है कि इस प्रस्ताव से सीसीआई की चिंता दूर हो जाएगी और मर्जर के लिए उसकी मंजूरी मिल जाएगी। मीडिया एजेंसी के अधिकारियों का मानना है कि आरआईएल और डिज्नी का प्रस्ताव दिलचस्प है क्योंकि इससे स्टार-वायकॉम18 को सीसीआई की मंजूरी हासिल करने में मदद मिल सकती है। साथ ही विज्ञापन दर स्थिर होने से एड रेवेन्यू में संभावित नुकसान कम होगा।
कुछ चैनलों को बंद करने का प्रस्ताव
हालांकि कुछ अधिकारियों का तर्क है कि रेट नहीं बढ़ाने से प्रस्ताव के मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी को कोई नुकसान नहीं होगा। स्टार स्पोर्ट्स और जियोसिनेमा दोनों को इस प्रस्ताव से कोई आपत्ति नहीं होगी क्योंकि नए जमाने के एडवरटाइजर्स के बाहर निकलने और पारंपरिक ब्रांडों द्वारा क्रिकेट पर महंगी खरीदारी करने की आशंका के कारण वे मुश्किल से एड इंवेंट्री को भरने में कामयाब रहे हैं। आरआईएल और डिज्नी दोनों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। रेट फ्रीज के अलावा दोनों कंपनियों ने अपने कुछ चैनलों को बंद करने का भी प्रस्ताव दिया है क्योंकि मर्जर के बाद कई मार्केट्स में उनकी बाजार हिस्सेदारी 40% की सीमा को पार कर जाएगी। सीसीआई वायकॉम18 और स्टार इंडिया के 70,000 करोड़ रुपये के विलय प्रस्ताव की जांच कर रहा है। इसमें एंटीट्रस्ट से जुड़े कई मुद्दे और टीवी तथा स्ट्रीमिंग सेगमेंट में उनके दबदबे का सवाल शामिल है। साथ ही आयोग इस बात की भी जांच कर रहा है कि स्टार-वायकॉम18 के बाद बनने वाली कंपनी से पास क्रिकेट के प्रसारण में एकाधिकार तो नहीं होगा? भारत में क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल है और इसकी ब्रॉडकास्टिंग के दौरान सबसे ज्यादा एड रेवेन्यू मिलता है। उद्योग के एक जानकार ने कहा कि इस मर्जर का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अपने दबदबे के कारण कंपनी के पास अपनी मर्जी के हिसाब से रेट तय करने की ताकत होगी।
किसकी कितनी हिस्सेदारी
आरआईएल और डिज्नी ने स्टार-वायकॉम18 मर्जर को मंजूरी के लिए मई में सीसीआई में आवेदन किया था। उनका दावा था कि इस मर्जर से इंडस्ट्री में कंप्टीशन प्रभावित नहीं होगा। RIL और डिज्नी ने तर्क दिया है कि सब्सक्रिप्शन के मामले में बुके और a la carte दोनों ही दरें TRAI से रेगुलेटेड हैं। मर्जर के बाद बनने वाली यूनिट सभी टीवी डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म पर समान दरों पर कंटेंट ऑफर करेगी। इस यूनिट में आरआईएल की 56% और डिज्नी की 37% हिस्सेदारी होगी। इसका सालाना रेवेन्यू करीब ₹25,000 करोड़ होगा। रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी विलय के बाद बनने वाली इकाई की चेयरपर्सन होंगी, जबकि उदय शंकर इसके वाइस-चेयरपर्सन होंगे।
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