नई दिल्ली: इन दिनों टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी टीसीएस (TCS) चर्चा में है। साथ ही टमाटर भी चर्चा में है। टीसीएस के चर्चा में रहने की वजह भर्ती घोटाला है। जबकि टमाटर की चर्चा में रहने की वजह इसका शतक लगाना है। इस समय देश भर में टमाटर 100 रुपये किलो या इससे ज्यादा दाम पर बिक रहा है। कल ही भारत सरकार की वेबसाइट पर बताया गया कि टमाटर की अधिकतम कीमत 122 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई है।
टमाटर क्यों हुआ महंगा
गर्मी के मौसम में टमाटर देश के हर राज्य में पैदा नहीं होता है। इस समय अधिकतर टमाटर की सप्लाई गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र्र और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से होती है। इस समय कुछ राज्य लू की चपेट में है। इससे टमाटर की फसल जल गई। कुछ राज्यों में अतिशय बारिश से बाढ़ के हालात पैदा हो गए। इससे टमाटर के पौधे गल गए। गुजरात में पिछले दिनों चक्रवात तूफान आया था। इससे टमाटर की फसल खराब ही नहीं नष्ट हो गई।
जल्द की कीमतें होंगी कम
कल ही केंद्र सरकार ने कहा कि जल्द ही टमाटर के दाम नीचे आएंगे। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया था का टमाटर एक पेरिसेबल कमोडिटी है। इसकी कीमतों में तेजी या कमी आना एक अस्थायी घटना है। यदि इसकी फसल खूब बढ़िया होती है तो दाम कम हो जाते हैं और फसल खराब हुई तो कीमत चढ़ जाती है। लेकिन यह भाव स्थायी नहीं होता। कुछ ही दिन में स्थिति ठीक हो जाती है।
तीन हफ्ते में 20 से 100 रुपये किलो
टमाटर की कीमत बीते तीन हफ्तों में खूब चढ़ी है। इसी महीने की शुरुआत में टमाटर की औसत कीमत 20 रुपये किलो थी। यह इस सप्ताह बढ़ कर 100 रुपये तो कहीं 100 रुपये के पार चली गई। हालांकि बताया जा रहा है कि शीघ्र ही दाम घटेंगे क्योंकि मध्य एवं दक्षिण भारत में टमाटर की नई फसल की बुवाई हो गई है। हफ्ते-दस दिन में वहां टमाटर फलने लगेंगे। उसे तैयार होने में कुछ दिन लगेगा। उसके बाद नई फसल की बाजार में आवक शुरू हो जाएगी।
टीसीएस क्यों है चर्चा में
अभी कुछ दिन पहले ही टीसीएस में भर्ती घोटाले की खबर खूब छपी थी। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने हजारों महत्वपूर्ण कर्मियों को काम पर रखने के लिए रिश्वत ली थी। रिश्वत स्टाफिंग फर्मों से लिए गए थे। रिश्वत इसलिए ली गई थी ताकि भर्ती पक्रिया से समझौता हो सके। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टीसीएस भर्ती डिपार्मेंट में संसाधन प्रबंधन समूह (RMG) के वैश्विक प्रमुख ई एस चक्रवर्ती कई सालों से स्टाफिंग फर्मों से कमीशन ले रहे हैं। बताया जाता है कि इस शिकायत के बाद कंपनी ने आरोपों की जांच के लिए कंपनी के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी, अजीत मेनन सहित तीन अधिकारियों की एक टीम गठित की है।
भर्ती घोटाले से कमाए 100 करोड़?
रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन वर्षों के दौरान कंपनी ने 3,00,000 लोगों को काम पर रखा है। इन लोगों की नियुक्ति से घोटाले में शामिल लोगों ने कमीशन के जरिये कम से कम 100 करोड़ रुपये कमाए होंगे। इस घटना के उजागर होने के बाद TCS ने कुछ हफ्तों की जांच की। इसके बाद भर्ती प्रमुख को छुट्टी पर भेज दिया और आरएमजी के चार अधिकारियों को बर्खास्त करने के साथ तीन स्टाफिंग फर्मों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया।
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