क्या है दोनों में अंतर?
एनालॉग पनीर मुख्य रूप से मिल्क पाउडर, स्टार्च, पाम ऑयल और इमल्सिफायर्स जैसी चीजों को मिलाकर बनाया जाता है। फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कंपनियों को एनालॉग पनीर बेचने की इजाजत तो दी है, लेकिन यह बताना अनिवार्य किया है कि वे एनालॉग पनीर बेच रही हैं या परंपरागत पनीर। वहीं पारंपरिक पनीर दूध से तैयार किया जाता है। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले FSSAI से मानकों के बारे में बात कर रही है, जिससे रेस्तरां के लिए भी दिशानिर्देश तैयार किया जा सके।देशभर से आई शिकायतें
इससे पहले इसी महीने कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर प्रह्लाद जोशी ने नकली पनीर की बिक्री के मामले में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा से कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। जोशी ने नड्डा को एक पत्र में लिखा था, ‘देशभर में फूड जॉइंट्स, रेस्तरां और बाजारों में नकली और मिलावटी पनीर बेचे जाने के मामले बढ़ रहे हैं। इन मामलों से खाद्य पदार्थ की क्वॉलिटी और सेफ्टी के बारे में लोगों की चिंता बढ़ रही है।’जोशी ने लिखा था, ‘नेशनल कंस्यूमर हेल्पलाइन पोर्टल पर उपभोक्ताओं ने इस मामले में कई शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिनसे देशभर में नकली और मिलावटी पनीर बेचे जाने के बढ़ते ट्रेंड का पता चल रहा है। ऐसे नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है।’ उन्होंने लिखा था, ‘फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के मामले फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 के तहत आते हैं, इसलिए मैं आपसे जरूरी कदम उठाने का अनुरोध कर रहा हूं, जिससे देशभर में फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का पालन हो।’