डीमैट अकाउंट और बेसिक डीमैट अकाउंट में क्या होता है अंतर? शेयर बाजार में निवेश से पहले जान लीजिए पूरी बात
Updated on
06-06-2024 01:27 PM
नई दिल्ली: सेबी ने बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट (बीएसडीए) में रखे सिक्योरिटीज की वैल्यू की लिमिट बढ़ाने की तैयारी है। रिटेल निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट (BADA) की सीमा को मौजूदा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। छोटो पोर्टफोलियो वाले निवेशकों पर डीमैट शुल्क का बोझ कम करने के लिए सेबी ने 2012 में यह सुविधा शुरू की थी। सेबी ने BSDA में सिक्योरिटीज की वैल्यू लिमिट बढ़ाने को लेकर पांच जून को कंसल्टेशन पेपर 5 जारी किया। इसमें SEBI बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट की लिमिट बढ़ाकर 10 लाख करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
मौजूदा समय में बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट के लिए पात्र होने के लिए कोई व्यक्ति एक ही डीमैट खाते में 2 लाख रुपये तक की डेट सिक्योरिटी के अलावा अन्य सिक्योरिटी रख सकता है। सेबी ने कहा कि किसी व्यक्ति के पास केवल एक डीमैट खाता होना चाहिए, जिसमें वह एकमात्र या प्रथम धारक हो। व्यक्ति के पास सभी डिपॉजिटरी में उसके नाम से केवल एक BSDA होना चाहिए।
बेसिक डीमैट अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर
डीमैट अकाउंट और बेसिक डीमैट अकाउंट में मुख्य अंतर शुल्क और सुविधाओं में होता है। यूजर को दो तरह के डीमैट अकाउंट मिलते हैं। पहले बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट (BSDA) होता है। वहीं दूसरा फुल सर्विस डीमैट अकाउंट होता है। बेसिक डीमैट अकाउंट का मतलब ऐसे अकाउंट से है, जिसमें बेसिक सुविधाएं मिलती है। इस अकाउंट की मेंटेनेंस कॉस्ट कम होता है। यह अकाउंट ऐसे रिटेल निवेशक के लिए होता है जो स्टॉक्स, बॉन्ड्स, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड्स आदि में नियमित रूप से निवेश नहीं करते। बेएसडीए अकाउंट रेगुलर डीमैट अकाउंट की तरह ही लाभ प्रदान करते हैं, लेकिन इनके रख रखाव शुल्क में अंतर होता है।
बदल दिया जाएगा अकाउंट
बेसिक डीमैट अकाउंट में कुछ सीमाएं होती है। इसमें आप किसी भी समय अपने डीमैट अकाउंट में ₹2 लाख (कैपिटल+प्रॉफिट) से ज्यादा ज्यादा नहीं रख सकते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपने 1.5 लाख रुपये का निवेश किया हुआ है और 60 हजार रुपये का मुनाफा लिया। इससे आपकी कुल होल्डिंग 2.1 लाख रुपये हो गई। इस स्थिति में, आपका अकाउंट बेसिक डीमैट अकाउंट से फुल-सर्विस डीमैट अकाउंट (FSDA) में बदल दिया जाएगा। इसके बाद आपको अकाउंट मेंटेनेंस शुल्क के रूप में प्रति माह 25+18 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होगा। इसके अलावा, बीएसडीए खाते एकमात्र खाताधारक द्वारा खोले जा सकते हैं।
क्या होता है डीमैट अकाउंट
डीमैट अकाउंट एक तरह का खाता होता है। यह बैंक खाते की तरह ही काम करता है। बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर केवल इतना है कि बैंक अकाउंट में पैसे जमा होते हैं। वहीं, डीमैट अकाउंट में फाइनेंशियल सिक्योरिटी डिपॉजिट होती है। डीमैट अकाउंट के जरिये आप आसानी से स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड आदि खरीद-बेच सकते हैं। डीमैट अकाउंट इंडियन डिपॉजिटरीज जैसे सेंट्रल डिपॉजिटरीज सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) द्वारा मैनेज किया जाता है।
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