इजरायल और हमास की जंग, साथ आए दो दुश्मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात
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12-10-2023 02:06 PM
रियाद: इजरायल और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो सकता है। इसका ताजा उदाहरण है दो कट्टर दुश्मन ईरान और सऊदी अरब का इस जंग के बारे में चर्चा करना। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने बुधवार को एक ऐतिहासिक टेलीफोन कॉल पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने सात अक्टूबर को हमास के इजरायल पर हुए हमले पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने हमले के बाद फिलिस्तीन के आसपास तनाव को कम करने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने ऐसे समय में ईरान के नेता से बात की है जब रायसी के देश पर हमले के लिए हमास की मदद करने का आरोप लग रहा है।
45 मिनट तक हुई बात हाल ही में दोनों देशों के बीच चीन की मदद से दोनों क्षेत्रीय शक्तियों के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली हुई है। लेकिन यह पहली बार था कि दोनों देशों के नेताओं ने टेलीफोन पर बात की है। एमबीएस और ईरानी राष्ट्रपति के बीच 45 मिनट तक बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच बातचीत का मुख्य मुद्दा मौजूदा इजरायली-हमास संघर्ष था। यह संघर्ष इस समय भी दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। अब तक इसमें दोनों देशों के कई हजारों नागरिकों की मौत हो चुकी है। दोनों के बीच हुई यह फोन कॉल लंबे समय से चले आ रहे संकट को दूर करने के कूटनीतिक प्रयासों में एक जरूरी कदम के तौर पर बताई जा रही है।
ईरानी राष्ट्रपति ने लगाया था फोन सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया है कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को ईरान के राष्ट्रपति रायसी ने कॉल किया था। एमबीएस ने इस कॉल में संघर्ष के समाधान के लिए सऊदी अरब की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया है। सऊदी प्रेस एजेंसी ने उनके हवाले से कहा कि गणराज्य मौजूदा तनाव को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। सऊदी राजकुमार ने अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाने की निंदा भी की।
सात साल बाद खत्म हुई दुश्मनी गाजा पट्टी में मानवीय स्थिति पर भी दोनों देशों के बीच चर्चा हुई है। कहा जा रहा है कि क्षेत्र में बिगड़ती स्थितियों ने इसके निवासियों को लेकर दोनों देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। दोनों नेताओं ने फिलिस्तीनी लोगों के कल्याण के लिए साझा चिंता जाहिर की। साथ ही दर्द और हिंसा को खत्म करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। चीन की मध्यस्थता से सऊदी अरब और ईरान के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली, सात साल की दुश्मनी के बाद हुई है। इस दुश्मनी ने न केवल खाड़ी क्षेत्र की स्थिरता को खतरे में डाल दिया था, बल्कि यमन से सीरिया तक पूरे मध्य पूर्व में संघर्षों में भी इजाफा किया था।
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